कुरुवई मंडी सचिव ओमप्रकाश इवने का बियर पीते हुए वीडियो वायरल, भारसाधक अधिकारी (मनोज प्रजापति) के कमरे मे

मंडी सचिव ओमप्रकाश इवने का सोशल मीडिया पर बियर पीते हुए वीडियो वायरल हो गया है जो की काफी चर्चा का विषय बना हुआ है गुडलक मीडिया इस फोटो/video की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है



परंतु सोशल मीडिया पर सचिव ओमप्रकाश का वीडियो वायरल हो गया है जो की चर्चा का विषय बना हुआ है वीडियो में आप साफ-साफ देख सकते हैं कि किस प्रकार से ऑफिस में बैठकर बीयर का मजा लिया जा रहा है सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि इनका रोज का ही यह आलम है सवाल उठता है कि भार साधक अधिकारी मनोज प्रजापति को इसकी खबर थी या नहीं थी अगर थी तो क्यों बाहर साधक अधिकारी ने क्यो आपत्ति दर्ज नहीं कराई और क्यों नहीं टोका ओमप्रकाश को एक बड़ा सवाल उठता है.
वही हमारे सूत्रों के हवाले से हमें खबर मिल रही है कि यह पूर्व में भी जेल होकर आ चुके हैं और काफी भ्रष्टाचार और अनियमिताएं इनके द्वारा की गई है मंडियो में जो कि हम आपको अगली खबर में बताएंगे.



परंतु अब सवाल यहां उठना है कि क्या मंडी बोर्ड में बैठे उच्च अधिकारियों को इसकी खबर नहीं थी वर्ष 2019 में हमारे द्वारा एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था जिसमें विनय प्रकाश पटेरिया जो कि 2019 मैं भोपाल मंडी सचिव थे उनके द्वारा फल सब्जी आवक में दो करोड रुपए का घोटाला किया गया था जिसकी हमारे द्वारा इन्वेस्टिगेशन किया गया था जिसके बाद प्रबंध संचालक फ़ैज़ अहमद किदवई के द्वारा उनके ऊपर 2 करोड रुपए की रिकवरी निकाली गई थी फल सब्जी आवक में जिसकी हमारे द्वारा शिकायत की गई लिखित में परंतु 2019 के बाद जो प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड में बने हैं उनके द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है चलिए मैं आपको बताता हूं उन प्रबध संचालकों के नाम जो की
1- अशोक वर्मा (2019)
2- संदीप यादव(2020)
3- विकास नरवाल(2021)
4- जी.बी रश्मि(2022)
5- श्रीमन शुक्ला वर्तमान मे (2023)
इनके द्वारा आज दिनांक तक ना तो कोई कमेटी बनाई गई है और ना ही कोई जांच की जा रही है अब सवाल यह होता है कि फल सब्जी आवक में जो 2 करोड रुपए का घोटाला हुआ था वह किसकी जेब में गया,


क्यों FIR नहीं करवाई जा रही हैं इन प्रबंध संचालकों के द्वारा सरकार के खाते में जमा होने वाला 2 करोड रुपए किसकी जेब में और कौन-कौन अधिकारियों के पास इसका पैसा गया है यह सवाल उठता है
मंडीयो में आए दिन घोटाले होते रहते परंतु उसकी रिकवरी करने में अधिकारियों के पसीने छूट जाते हैं हमारे सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है कि इसका पूरा पैसा नीचे से ऊपर तक जाता है जिसकी वजह से जो भ्रष्टाचार करता है वह बच निकलता है
वही हम आपको बता दें कि विनय प्रकाश पटेरिया के बाद में प्रदीप मालिक ,राजेश बघेल, भोपाल मंडी में कार्यरत हुए जिनकी विभागीय जांच अभी तक चल रही है कहीं ना कहीं संगीता ढोके उनको बचाने का प्रयास कर रही है जो हमारे सूत्रों से जानकारी मिली है
अगले अंक में एक बड़ा खुलासा और करेंगे कि किस प्रकार से हाई कोर्ट को धोखा दिया, फिर हुई नहीं और न्यायालय ने आदेश भी कर दिए .
. कितने लोगों का संविलियन हुआ ही नहीं इसका भी हम खुलासा
यहां तो सब बिकता है खरीदने वाले की औकात होनी चाहिए सच कहा है किसी ने कानून अंधा होता है कानून की आंखों पर पट्टी बंधी होती है