अवैधानिक तरीके से बने मूल्यांकनकर्ता और बाहय परीक्षक, जिनको अशासकीय महाविद्यालय ने कभी वेतन नही दिया वे कर रहे मूल्यांकन

फर्जी मूल्यांकनकर्ता और बाहय परीक्षक…
जिनको (अशासकीय महाविद्यालय) ने कभी वे तन नही दिया वे कर रहे मूल्यांकन…
अशासकीय महाविद्यालय शिक्षक भर्ती कोड 28 के नाम पर गड़बड़झाला
मध्य प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा प्राइवेट अशासकीय कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया कोड 28 के तहत की जाती है।
जिसके लिए अशासकीय कालेज द्वारा विश्वविद्यालय के माध्यम से शिक्षकों के साक्षात्कार उपरांत एक अधिसूचना जारी की जाती है है, जो नियुक्ति आदेश नहीं होता है।
लेकिन राजधानी के विश्वविद्यालयों के गोपनीय/ मूल्यांकन विभाग द्वारा rul विरूद्ध कोड 28/30 की अधिसूचना के आधार पर कॉपियों का मूल्यांकन कराए जाने के लिए साठगांठ कर (बच्चों का भविष्य ) कॉपियों की बोरियां दी जा रही हैं….
इसी प्रकार बाहय परीक्षक नियुक्त किए जा रहे हैं जो सरासर अवैधानिक है।
इसमें गोपनीय विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों की मिलीभगत दृष्टिगोचर हो रही है ।
गोपनीय विभाग के भार साधक अधिकारी को पता है कि चयन सूची को नियुक्ति आदेश नहीं माना जाता है क्योंकि चयन सूची के बाद संबंधित महाविद्यालय द्वारा शिक्षकों को नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा और उसके बाद विश्वविद्यालय में जमा किया जाता है,
जिसके बाद स्टैंडिंग कमेटी उस नियुक्ति पत्र का अनुमोदन करती है जब तक स्टैंडिंग कमेटी अनुमोदन नहीं कर देगी तब तक उसकी नियुक्ति और 28 के साथ नहीं मानी जाती है। जब विश्वविद्यालय की स्टैंडिंग कमेटी ने 90% टीचरों का अप्रूवल ही नहीं दिया है तो गोपनीय शाखा के अधिकारियों ने यह कैसे मान लिया कि नियुक्ति पत्र है…
और वह पढ़ा भी रहे ….उस कॉलेज में जिसके आधार पर पूरी की पूरी कॉपी चेक करने के लिए और प्रैक्टिकल एग्जाम में उनके नाम प्रेषित किए जा रहे है
भाई हम आपको बता दें कि विश्वविद्यालयों की स्टैंडिंग कमेटी को 28 के तहत चयनित लोगों की अनुशंसा पत्र वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं किया गया है क्या गड़बड़ घोटाला है उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री मोहन यादव को जांच करनी चाहिए जांच का विषय है
एक बात और हम आपको बताएं कि जो शिक्षक अशासकीय महाविद्यालयों के हैं उनसे मूल्यांकन कराया जा रहे हैं उनकी नियुक्ति पत्र को सार्वजनिक किया जाना चाहिए यह माननीय उच्च शिक्षा मंत्री को संज्ञान लेकर तुरंत सार्वजनिक कराना चाहिए जो हमारे सूत्रों से जानकारी मिली है कहीं मोहन यादव भी तो???
कंबल ओढ़ कर घी पी रहे हैं ओहदेदार,
जो हैं देश के बच्चों के भविष्य के चौकीदार,
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