हमारे देश और दुनिया भर में कई पत्रकार कठिन और प्रतिकूल परिस्थितियों में काम करते हैं

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हमारे देश और दुनिया भर में कई पत्रकार कठिन और प्रतिकूल परिस्थितियों में काम करते हैं, लेकिन वो किसी भी विपत्ति और विरोध के सामने डटे रहते हैं. ये वो गुण है, जिसे खोना नहीं चाहिए
चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अलग-अलग विचारों का सम्मान करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि असहमतियां बढ़कर कभी नफ़रत में नहीं बदलनी चाहिए और इस नफ़रत को हिंसा का रूप भी नहीं लेने देना चाहिए.
पत्रकारिता जगत के लोगों को दिए जाने वाले रामनाथ गोयनका पुरस्कार समारोह में सीजेआई चंद्रचूड़ ने ये बातें कहीं. सीजेआई इस पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे.
आज प्रेस रिव्यू की शुरुआत ‘प्रेस की आज़ादी’ पर सीजेआई के इसी बयान के साथ.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हमारे देश और दुनिया भर में कई पत्रकार कठिन और प्रतिकूल परिस्थितियों में काम करते हैं, लेकिन वो किसी भी विपत्ति और विरोध के सामने डटे रहते हैं. ये वो गुण है, जिसे खोना नहीं चाहिए.”
उन्होंने कहा, “नागरिक के तौर पर, संभव है कि हम किसी पत्रकार के रुख़ या उसके दिए निष्कर्ष से सहमत न हों. मैं भी कई दफ़ा बहुत से पत्रकारों से असहमत होता हूं. आख़िरकार, हम में से ऐसा कौन है जो सबकी बातों से सहमत हो? लेकिन ये असहमति नफ़रत में नहीं बदलनी चाहिए और इसे हिंसा का रूप नहीं लेने देना चाहिए.”