विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी चयन परीक्षा-2022 मे अवैध रूप से आंसर -शीट मे छेड़-छाड़ कर फेल से पास करने का आरोप शिक्षक और अधिकारियों पर लगाएं ,पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची ने कुलपति

विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी चयन परीक्षा-2022 मे अवैध रूप से आंसर -शीट मे छेड़-छाड़ कर फेल से पास करने का आरोप शिक्षक और अधिकारियों पर लगा
उज्जैन-के विक्रम विश्वविद्यालय में चार माह पूर्व मार्च हुई पीएचडी चयन परीक्षा-2022 मे अवैध रूप से धांधली एवं फर्जी तरीके से अपने चहेतों से सांठ-गांठ कर, नंबर बढ़ाने के लिए आंसर -शीट मे छेड़-छाड़ कर फेल से पास करने का आरोप शिक्षक और अधिकारियों पर लगा है। अवैध एवं अनैतिक कृत्य मे लिप्त जिम्मेदारों पर FIR दर्ज करने के लिए IG और SP को आवेदन दिया है।
विक्रम विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में
विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों पर धांधली कर हेरफेर करने का मामला उजागर हुआ है। मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची ने कुलपति सहित शोध समिति के सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाएं है। इतना ही नही पुलिस को शिकायत के साथ हेरफेर किए गए कागजों की फोटो कॉपी भी उपलब्ध कराई है। शिकायत में कहा है कि कुलपति एवं शोध समिति के सदस्यो ने अपने चहेतों को उपकृत करने के लिए, अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग करके, म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम, अध्यादेशों एवं एआईसीटीई एवं यूजीसी के विनिमयों का घोर उल्लंघन करने के साथ-साथ, आन्सर-शीट मे काँट-छाँट/छेड़-छाड़ कर, फ़ेल को पास करने के अनैतिक एवं अवैध कृत्य, धांधली एवं फर्जीवाड़ा करके होनहार ओर भोले-भाले छात्रो के साथ धोखाधड़ी ।
साथ ही घोर भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की है। सचिव बबलू खिंची ने शिकायत की प्रति राज्यपाल, मुख्यमंत्री, यूजीसी, डीजीपी को भेज कर फर्जीवाड़ा करने वालों पर सक्षम धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। शिकायत में कहा है कि इन अपराधियों के विरूद्ध अगर तत्काल FIR कर हिरासत मे नहीं लिया तो, ये सबूतों के साथ भी छेड़-छाड़ कर सबूत नष्ट कर सकते है। इसकी समस्त जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन एवं जिम्मेदार अधिकारियों की होगी।
आरोप
शिकायती पत्र में पीएचडी चयन परीक्षा समिति के सदस्य डॉ. प्रमोद कुमार वर्मा, गणपत अहिरवार, वाईएस ठाकुर पर सीधे आरोप लगाते हुए इंजीनियरिंग विषय की आंसर शीट में की गई हेरफेर की कॉपी भी दी है,जो समिति के तीनों सदस्यों द्वारा जांची गई है। आरोप है कि अपने चहेतों को लाभ देने के लिए अंसर शीट में कांट-छांट कर पात्र करने के लिए अंक बढ़ाए गए है। इसके कारण पात्र छात्र-छात्राओं के साथ धोखाधड़ी हुई है।