पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे केरल में आदि गुरु शंकराचार्य जी के जन्मस्थली कालड़ी, केरल

शिवराज सिंह चौहान का बयान-


मैं सौभाग्यशाली हूं कि, आज आदि गुरु शंकराचार्य जी की जन्मभूमि पर आया हूं। यहीं उनका जन्म हुआ था और यहीं से वह गुरु की खोज में पदयात्रा करते हुए ओम्कारेश्वर की तरफ निकले थे।
ओम्कारेश्वर में उनको गुरु मिले थे और वहीं से उन्होंने सन्यास लेकर भारत भ्रमण शुरू किया था।
आदि गुरु शंकराचार्य जी के कारण ही भारत सांस्कृतिक रूप से एक है।
आदि गुरु ने पूरे भारत को जोड़ने का काम किया।
ओम्कारेश्वर में जँहा आदि गुरु जी को गुरु मिले वँहा उनका भव्य स्टेच्यू ऑफ वननैस बन गया है। एकात्म धाम का निर्माण हो रहा है।
यंही से संदेश जाता है, संघर्ष नहीं समन्वय, घृणा नहीं प्रेम, शांति सारे भेदभाव मिट जाएं।
मैंने वह काम प्रारंभ किया था लेकिन मोहन यादव की टीम उसे काम को आगे बढ़ाएगी और दुनिया को संदेश देगी
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्!! उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् !!
सारा संसार एक परिवार है धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो।
शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम