Cm मोहन यादव का ट्वीट भी बे असर, RGPV के अधिकारियों पर, 1500 करोड़ का घोटाला सामने आ सकता है जब से RGPV बना तब से जांच CBI करें तो, एक बड़ा घोटाला सामने ?

क्या कारण है कि आरजीपीवी की कुलगुरु डॉक्टर रूपम गुप्ता एवम रजिस्ट्रार डॉक्टर मोहन सेन आरजीपीवी की वित्त शाखा में कार्यरत कर्मचारियों को निलंबित नही कर पा रहे है जबकि तकनीकी शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक 324/18822121/42-1 दिनांक 12 मार्च 24 के लेटर में साफ साफ लिखा है की आरजीपीवी के लेखा शाखा के कर्मचारियों को निलंबित करके सूचित करे ।
और हद तो तब हो गई जब आरजीपीवी के दो कर्मचारी जो पूर्व रजिस्ट्रार R. S .राजपूत के खास थे वो विश्वविद्यालय की मूल नस्तियो एवम 4-5 बोरी कागज़ों के साथ पकड़े गये. जिन ko पुलिस इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT)के द्वारा रात को आसाराम चौराहे के पास पकड़ा गया.

तब भी विश्वविद्यालय ने उन कर्मचारियों पर कोई भी कार्यवाही नही की । क्या विश्वविद्यालय के अधिकारियों की भी साठ घाट हो गई है क्या इन कर्मचारियों से.
जबकि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव भी ट्वीट कर चुके है । यह देखिए वह ट्वीट

लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों पर एक्शन न नहीं लिया गया क्या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से और भी कार्य जो पूर्व रजिस्टर पूर्वी कर की अधिकारी के द्वारा जो नोट शीट और अकाउंट स्टेटमेंट को फिर गायब करना चाहते हैं क्या जिस प्रकार से चार से पांच बोरी के साथ विश्वविद्यालय के कर्मचारी पकड़े गए थे क्या सबूत को नष्ट करने की कोशिश की जा रही .
ऐसा लगता है कि विश्वविद्यालय के अधिकारी अधिकारियों की इन कर्मचारियों से सेटिंग हो गई होगी जिसकी वजह से इनके ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई .
हाई कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करता RGPV:-
जब उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन RGPV विश्वविद्यालय नहीं करता है तो यह तो यह तो छोटी सी बात है सरकार और विश्वविद्यालय की खाते में जो राशि जमा होनी चाहिए वह राशि दूसरों के खातों में जमा हो रही है
हमें क्या सरकार हमें सैलरी हर महीने देती है ऊपर से मलाई भी मिल जाती है
इसलिए शायद विश्वविद्यालय प्रशासन इन कर्मचारियों पर कार्यवाही नहीं कर रहा है
और अभी तो 4 से 5 बोर ही दस्तावेज गुम होने का मामला सामने आया है आगे भी और भी दस्तावेज गुम होने के मामले सामने आने वाले हैं
विश्वविद्यालय अगर जब से आरजीपीवी बना है तब से जांच कराई तो 1500 करोड रुपए का घोटाला सामने आ सकता है
ऐसा लगता है कि मामले की जांच बहुत धीमी गति से चल रही है सीबीआई को ट्रांसफर कर देना चाहिए यह कैसे क्योंकि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बहुत सी अनियमिताएं हैं अगर सीबीआई जांच करेगी तो 1500 करोड रुपए के ऊपर का मामला सामने आ सकता है और निष्पक्ष जांच भी हो जाएगी.
आखिर डॉक्टर मोहन सेन और डॉक्टर रूपम गुप्ता पर किसका दबाव है ये किसके दबाव में काम कर रहे है अब यह जांच का विषय है कौन किसको बचा रहा