5 सितंबर 2025 को शिक्षक दिवस के दिन पुरानी पेंशन के लिए संपूर्ण देशभर में सामूहिक उपवास

*पुरानी पेंशन के लिए 5 सितंबर 2025 शिक्षक दिवस के दिन पुरानी पेंशन के लिए संपूर्ण देशभर में सामूहिक उपवास कार्यक्रम होगा उपरोक्त जानकारी देते हुए कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रांतीय संयोजक तथा संयुक्त मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन मध्य प्रदेश एवं नेशनल मूवमेंट ऑफ़ ओल्ड पेंशन स्कीम के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु जी की आवहांन संपूर्ण देशभर में शिक्षक दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के सभी कर्मचारी अधिकारी राष्ट्रीय उपवास रखेंगे जिसके अंतर्गत बुरहानपुर जिले के नेपानगर ब्लॉक में

संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर चौक पर राष्ट्रीय उपवास कार्यक्रम होगा संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष अशफाक खान, नेशनल मूवमेंट ऑफ़ ओल्ड पेंशन स्कीम के जिला अध्यक्ष क्रमशः अनिल बाविस्कर, प्रमिला सगरे, संयोजक विजेश राठौर, कल्पना पवार , अपाक्स के जिला अध्यक्ष राजकुमार मंडलोई,उपाध्यक्ष राजेश पाटिल , एजाक्स के राजेश साल्वे, सतीश दामोदर , ट्रैवल वेलफेयर एसोसिएशन की जिला अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा,ने बताया कि राष्ट्रीय नेतृत्व एवं प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर ब्लॉक लेवल पर उपरोक्त कार्यक्रम किया जाना है जिसके अंतर्गत 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर दोपहर 12 से 3 राष्ट्रीय उपवास जिले के समस्त शिक्षक भाई, शिक्षिका बहन रखेंगे कर्मचारी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र चौक से ने कहा कि 2005 से बंद पुरानी पेंशन के लिए विगत 2017 से हम लोग लड़ाई लड़ रहे हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय विजय बंधु जी के नेतृत्व में जो जिसमें हमें अभी आदि सफलता प्राप्त हुई है जिला सचिव अनिल सातों, नईम उर रहमान ने कहा कि हम लोग 2005 से बंद पुरानी पेंशन चाहते हैं लेकिन केंद्र सरकार जबरदस्ती यूनिफाइड पेंशन स्कीम थोपना चाहती है जो हमें मंजूर नहीं मंडी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सदानंद कैप्स जी ने केंद्र सरकार से निवेदन किया है संविधान के अंतर्गत जो पेंशन जनप्रतिनिधि ले रहे हैं वही पुरानी पेंशन हमें चाहिए स्थाई कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष हीरालाल प्रजापति वन विभाग के योगेश सबकारे ने कहा कि 5 सितंबर सभी लोग नेपानगर अंबेडकर चौक पर पहुंचकर राष्ट्रीय उपवास में अपना-अपना योगदान दीजिए और अपने अधिकारों के लिए इकट्ठा होकर आंदोलन में शामिल हो जाए*