EOW ने मंडी बोर्ड में पदस्थ प्रभारी उपयंत्री चक्रेश शर्मा और प्रभारी अधीक्षण यंत्री सलिल गर्ग पर FIR दर्ज की, टेंडर में गड़बड़ी कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाया और अपनी जेब गर्म की जांच शुरू

EOWने मंडी बोर्ड में पदस्थ प्रभारी उपयंत्री चक्रेश शर्मा और प्रभारी अधीक्षण यंत्री सलिल गर्ग पर FIR दर्ज, की टेंडर में गड़बड़ी कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाया और अपनी जेब गर्म की जांच शुरू कर दी .
वही हम आपको बता मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंधक का प्रभार सेल्वेंद्र जी के द्वारा लिया गया है तब से खुलासे हो रहे हैं और भ्रष्टाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है कहीं ना कहीं यह देखने में साफ नजर आ रहा है कि जब फाइल ऊपर तक जाती है तो वहां पर उसको पूर्ण रूप से देखा जा रहा है और उन पर कार्रवाई भी की जा रही है
परंतु यहां पर हम आपको यह भी बता दें की मंडी बोर्ड में पदस्थ कुछ अधिकारी अपने शुभचिंतकों को बचाने के लिए पूरा-पूरा प्रयास कर रहे हैं
एक RTI कार्यकर्ता के द्वारा कल ही अपनी अपील की सुनवाई की गई थी जिसमें अपीलयअधिकारी के द्वारा जब आदेश कर दिया गया तब भी उक्त दस्तावेज 7 दिनों के अंदर नहीं मिले और अपीलय अधिकारी का कहना था कि आप दूसरी अपील में जा सकते हैं
कहीं ना कहीं ऐसा लगता है कि उनकी भी मिली भगत इसमें शामिल है जिसकी वजह से वह दस्तावेज उपलब्ध नहीं कर रहे हैं
मंडी मुख्यालय में काफी भ्रष्टाचार फैला हुआ है कई लोग तो बिना फर्जी मार्कशीट और अपनी डेट ऑफ बर्थ में करेक्शन कर नौकरी कर रहे हैं जिनको पृथक कर दिया गया था उनको दोबारा नौकरी किस आधार पर दी गई यह भी एक जांच का विषय है
करोड़ों रुपए के घोटाले कर दिए जाते हैं परंतु फिर आज दिनांक तक FIR नहीं की जाती कहीं ना कहीं मंडी बोर्ड मुख्यालय में ऐसे अधिकारी बैठे हुए जो अपने अधीनस्थ या चाटुकार लोगों को बचाने का काम कर रहे हैं
अब देखना यह है कि मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना और प्रबंध संचालक सेल्वेंद्र सर इन भ्रष्टाचारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं
एक सबूत आपके सामने ही है चक्रेश शर्मा और सलिल गर्ग की अखबारों की सुर्खियों में बनी है जिसकी कटिंग हम आपको उपलब्ध करा रहे हैं नीचे कटिंग आप देख सकते हैं

उनके द्वारा काफी भ्रष्टाचार किया गया है टेंडर में भी और बुंदेलखंड पैकेज में इनकी पहले से ही एफआईआर दर्ज जिसकी जांच चल रही है
करोड रुपए का भ्रष्टाचार किया गया हो सकता है कि इनके द्वारा जो डिप्लोमा लिया गया है हो वह भी फर्जी हो सकता है जिसके आधार पर यह नौकरी कर रहे हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए .
कुछ दिनों में ही रिटायर होने वाले एक कर्मचारी भी नायक की भूमिका निभा रहे हैं हम आपके यहां यह बता दें कि एक बार इंसान गलती करता है पछताते जरूर है उसकी गलती कहीं छुप नहीं सकती और भी हम खुलासे करेंगे जल्द
नोट -दो करोड़ के घोटाले बाज विनय प्रकाश पटेरिया पर FIR कब? किसकी जेब में गया दो करोड रुपए घोटाले का पैसा फल सब्जी आवक जावक शुल्क 2019 भोपाल पूर्व मंडी प्रबंधक संचालक फ़ैज़ अहमद किदवई जी के द्वारा नोट सीट जारी की गई थी जांच के लिए क्या एक आईएएस के द्वारा लिखी नोट शीट फर्जी थी क्यों बचाया जा रहा विनय प्रकाश पटेरिया पूर्व मंडी सचिव को मंडी बोर्ड कब FIR कराएगा.
मंडी बोर्ड में भी एक टेंडर निकाला गया था जो मेंन पावर के लिए था जिसे R. B.एसोसिएट्स को दिया गया है जिसका केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है जिसका नंबर है 26434/ 2023 यह भी एक जांच का विषय है प्रबंध संचालक महोदय इसकी जांच अवश्य करें निवेदन है
टेंडर प्रक्रिया में शामिल सीहोर के ठेकेदार भारत गुप्ता ने मामले की शिकायत अक्टूबर 2021 में ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी। यहां लगभग तीन वर्ष तक जांच के बाद शिकायत सही मिलने पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के अंतर्गत प्रकरण कायम किया गया है।
शिकायत के परीक्षण में पाया गया कि तीन निर्माण स्थल क्रमशः कालीमाता बीज उत्पादक सहकारी समिति ग्राम पंचायत बिहार, नरसिंहगढ़ (राजगढ़), बीज उत्पादक सहकारी संस्था पीपलखेड़ा ग्राम पंचायत खाई खेड़ा, सीहोर और आदर्श बीज उत्पादक प्रक्रिया एवं विपणन सहकारी संस्था पाडल्या, ग्राम पंचायत पीपलखेड़ा सीहोर के लिए 95.31 लाख रुपये की निविदा ई-टेंडर पोर्टल पर जारी की गई थी।
इसे छह फरवरी 2021 को आनलाइन अपलोड किया गया था। इस निविदा के संबंध में पांच अखबारों में भी सूचना दी गई थी। शर्त के अनुसार निविदाकारों को निविदा से संबंधित चाहे गए दस्तावेजों की सत्यापित छायाप्रतियां एवं शपथ पत्र की मूल प्रति 26 फरवरी 2021 को शाम 5.30 बजे तक स्पीड पोस्ट पंजीकृत डाक से मंडी बोर्ड मुख्यालय में प्राप्त होना था।
इस निविदा में क्रमशः विभाेर वर्मा, अजय कुमार जैन, हरिओम कंस्ट्रक्शन एवं भारत गुप्ता ने निविदा के आनलाइन पोर्टल पर भाग लिया गया था। इनमें से शिकायतकर्ता भारत गुप्ता का तकनीकी बिड लिफाफा 26 फरवरी 2021 को शाम 5.14 बजे (निर्धारित समय 5:30) पहुंच गया था। आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने अन्य निविदाकारों के साथ षणयंत्र कर भारत गुप्ता के दस्तावेजों को अमान्य कर उन्हें निविदा से बाहर किया था।