RGPV मे पेपर लीक मामला शांत नहीं हुआ, जांच के डर से त्यागपत्र देकर भागै दो प्रोफेसर

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय नाम तो सुना ही होगा आपने आजकल राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय काफी चर्चा में है आप समझ ही सकते हैं
कि क्यों चर्चा में है राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जी हां दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा कि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में जब से पेपर लीक मामला उजागर हुआ है उसके बाद से राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय काफी चर्चा का विषय बना हुआ है
5000 में हर सेमेस्टर के पेपर बिक रहे हैं वही आज दिनांक तक राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के द्वारा FIR नहीं कराई गई है एक बड़ा सवाल उठता है
क्या राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के लोग मिले हुए हैं जिसकी वजह से आज दिनांक तक FIR नहीं कराई जा रही है एक बड़ा सवाल है कहीं ना कहीं किसी न किसी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है
इसके बावजूद आज दिनांक तक FIR नहीं कराई गई है एक बड़ा गोरख धंधा चल रहा है RGPV मे और सवाल उठता है कि जो बच्चे मेहनत करते हैं दिन-रात पढ़ाई करते हैं उनका क्या
क्या मात्र ₹5000 में पेपर लीक होने पर वह फर्स्ट डिवीजन या अच्छे अंक ला सकते हैं एक बड़ा सवाल यह भी उठना है
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार इसमें फैकल्टी भी इंवॉल्व है जब भी हमारे सूत्रों से अभी जानकारी मिली है कि दो प्रोफेसर जो की इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के हैं उनके द्वारा वीसी को पत्र लिखा गया है कि हम अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे रहे हैं और उनका त्यागपत्र मंजूर कर लिया गया
जो हमारे सूत्रों से जानकारी मिली है कहीं ना कहीं जांच के डर से उन्होंने अपना त्यागपत्र दिया है 35 से ₹40000 तनखा मिलने वाले ऐसे प्रोफेसर क्यों त्यागपत्र दिया यह भी एक बड़ा सवाल उठता है
चलिए अब हम उनका नाम भी आपको बता देते हैं माधुरी मिठोले और प्रफुल्ल गुप्ता जिनके द्वारा अपना त्यागपत्र दिया गया है
VC ने उसे मान्य कर लिया है क्या पुलिस के डर से उनके द्वारा त्यागपत्र दिया गया है इसकी भी जांच होनी चाहिए .
नोट -यहां पर मैं आपको बता दूं कि पेपर लीक मामले में आज दिनांक तक फिर नहीं हुई है क्यों किसको बचा रहे हैं एक बड़ा सवाल?
क्यों राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी का नाम बदनाम कर रहे विभाग के लोग