देश

आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154 वी जयंती

महात्मा गांधी का जन्म आज के ही
दिन वर्ष 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. उनके सम्मान में
इस दिन को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
एक बार गांधी जी से जब यह पूछा गया कि आप
दुनिया को क्या संदेश देना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा, “मेरा जीवन ही मेरा संदेश है
समय की महत्वपूर्णता: गांधीजी के जीवन से एक घटना हमें समय की महत्वपूर्णता के बारे में गहरा संदेश देती है. जब वे साबरमती आश्रम में निवास कर रहे थे, तो कुछ गांववाले उन्हें अपने पास की गांव में एक सभा की आमंत्रण दिया. उन्होंने सभा का समय तय
किया, और सभी को चार बजे शाम का समय बताया. गांधीजी ने इस आमंत्रण को स्वीकार किया. परन्तु समय पर जाने से पहले एक व्यक्ति ने कहा, “बापू, मैं आपको गांव के लिए कार से भेज दूंगा, ताकि आपको सभा स्थल पर पहुँचने में कोई दिक्कत न हो ” अगले दिन
गांधीजी ने समय पर सभा में पहुँचने के लिए कार की प्रतीक्षा की,लेकिन चार बजने तक कोई नहीं पहुँचा. इसके बजाय, गांधीजी ने एक साइकिल उठाई और सभा स्थल पहुँच गए. लोगों ने जब उन्हें वहाँ देखा, तो वे हैरानी में आ गए. गांधीजी ने समय की महत्वपूर्णता
को कितना ध्यान रखते हैं
सकारात्मक सोच की महत्वपूर्णता: महात्मा गांधी का मानना था
कि ‘हम जो सोचते हैं, वही बन जाते हैं। अगर हमारे मन में किसी
लक्ष्य तक पहुँचने के बारे में नकारात्मक भाव होता है, तो वास्तविक
जीवन में भी वही सच होता है. गांधीजी मानते थे कि इस तरह की
स्थितियों में हमें नकारात्मक विचारों को मन से हटा देना चाहिए और
केवल सकारात्मक सोच के साथ मेहनत करते रहना चाहिए. उनका
मानना था कि अगर व्यक्ति को खुद पर विश्वास हो, तो वह कुछ भी
करने के लिए सामर्थ्यशाली हो जाता है.
मुश्किलों से कभी हार नहीं मानना: महात्मा गांधी को अपने
जीवन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. मुश्किलों के आगे हार
मानने की जगह वे लगातार प्रयास करते रहे. दक्षिण अफ्रीका में, जब
उन्होंने पहली श्रेणी की रेलगाड़ी में सफर किया, तो उन्हें डिब्बे से
बाहर फेंक दिया गया इसके बावजूद, वे हार नहीं माने और अपने
उद्देश्य को पूरा करने के लिए संघर्ष करते रहे. वे स्वतंत्रता संग्राम में
भी कई बार जेल जाने के बावजूद, अंग्रेजों से भारत की आजादी के
लिए संघर्ष करते रहे. गांधीजी का संदेश था कि हमें कभी भी
मुश्किलों से हार नहीं मानना चाहिए.
शांति और धैर्य का महत्व: जब हम किसी काम को करने का
प्रयास करते हैं और हमारे परिश्रम का परिणाम नहीं मिलता है, तो हम परेशान हो जाते हैं. गुस्से में अजीब व्यवहार करने लगते हैं.अपने आप को हमेशा रखें अपडेट
शांति और धैर्य का महत्व: जब हम किसी काम को करने का प्रयास करते हैं और हमारे परिश्रम का परिणाम नहीं मिलता है, तो हम परेशान हो जाते हैं. गुस्से में अजीब व्यवहार करने लगते हैं.हालांकि, गांधीजी ने अपने जीवन में अहिंसा का मार्ग चुना और शांति और धैर्य बनाए रखकर उन्होंने वह प्राप्त किया जो वे चाहते थे. हमें
याद रखना चाहिए कि कई बार परिस्थितियां हमारे अनुकूल, हमारे
मनमुताबिक नहीं होतीं, लेकिन उस समय भी हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए.निरंतरता: महात्मा गांधी कहते थे, ‘जो काम करते हो, हो सकता है
कि वह कम महत्ववाला हो, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि तुम उस काम को करते रहो’ वे हर दिन, हर पल कुछ नया सीखने की सलाह देते थे. गांधीजी ने अपने जीवन में अनुशासन को महत्वपूर्ण माना और समय पर उठने से लेकर हर दिन के कामों तक हर समय में अनुशासन बनाए रखा. वे इसके साथ ही अपने जीवन में कल के लिए बचत करने की महत्वपूर्णता को भी समझाते थे. गांधीजी कहते थे कि जो बदलाव हम दूसरों में देखना चाहते हैं, वह बदलाव हमें सबसे
पहले अपने भीतर लाना होगा.
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Vijay Vishwakarma

Vijay Vishwakarma is a respected journalist based in Bhopal, who reports for Goodluck Media News. He is known for his exceptional reporting skills and extensive knowledge of the region. With a keen eye for detail and a passion for uncovering the truth, he has earned a reputation as a reliable and trustworthy source of news.

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