स्पीकर पर फेंका कागज और रोने लगीं… जब लोकसभा में ममता का दिखा था ऐसा रूप

संसद के भीतर करीब 18 साल पहले कुछ ऐसा हुआ जिसको आज भी याद किया जाता है। 4 अगस्त 2005 का वह दिन था जब ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। उस वक्त लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी हुआ करते थे लेकिन स्पीकर की कुर्सी पर डिप्टी स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल थे। अटवाल ने ममता बनर्जी को बताया कि उनके नोटिस को स्पीकर ने खारिज कर दिया है। इजाजत न मिलने के बावजूद उन्होंने बोलना जारी रखा और हंगामा शुरू कर दिया। ममता बनर्जी अचानक वेल की तरफ बढ़ गईं। इसके बाद ममता ने अपने हाथ के पेपर्स को स्पीकर की तरफ फेंक दिए और इस्तीफा भी दे दिया। हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ

ममता बनर्जी के व्यवहार पर सदस्यों को आश्चर्य
ममता बनर्जी के व्यवहार पर उस वक्त काफी लोगों को आश्चर्य भी हो रहा था। स्पीकर की तरफ कागज फेंकने के बाद जब वह अपनी सीट पर आईं तो उनको रोते हुए भी देखा गया। उस वक्त यूपीए की सरकार थी और ममता बनर्जी एनडीए का हिस्सा हुआ करती थीं। ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के वोटर लिस्ट में बांग्लादेश से आने वाले अवैध प्रवासियों को शामिल कर लिया गया है। राज्य सरकार इस मसले पर कुछ नहीं कर रही है और इसलिए इस पर चर्चा होनी चाहिए। तत्कालीन डिप्टी स्पीकर ने बताया कि इस मसले पर कुछ घंटे पहले ही सत्र की शुरुआत में चर्चा हो चुकी है। इस पर ममता ने कहा कि सदन की सदस्य होने के नाते मेरा यह अधिकार है कि पब्लिक की आवाज उठाऊं। ममता बनर्जी के उस वक्त सदन के भीतर व्यवहार पर वाम दलों और कांग्रेस के सांसदों ने काफी आलोचना की।