अतिथि विद्वान को मा.उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश से मिला शरद कुमार भारद्वाज को न्याय, प्रभारी प्राचार्य डॉ. चंदन सिंह सागर द्वारा जारी किये गये कार्यमुक्ति आदेश को निरस्त कर शरद कुमार भारद्वाज को न्याय दिया गया

अतिथि विद्वान को मा.उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश से मिला शरद कुमार भारद्वाज को न्याय, प्रभारी प्राचार्य डॉ. चंदन सिंह सागर द्वारा जारी किये गये कार्यमुक्ति आदेश को निरस्त कर शरद कुमार भारद्वाज को न्याय दिया गया

राहतगढ़ शासकीय महाविद्यालय राहतगढ़ जिला सागर (म.प्र.) में अतिथि विद्वान जनभागीदारी मद (कम्प्यूटर शिक्षक) शरद कुमार भारद्वाज जो कि विगत कई वर्षों से महाविद्यालयीन छात्र/छात्राओं को कम्प्यूटर शिक्षा का लाभ दे रहे थे उनको प्रभारी प्राचार्य डॉ. चंदन सिंह सागर ने व्यक्तिगत दुर्भावना एवं ईर्ष्या के चलते मनगढंत झूठा आरोप लगाकर स्वैच्छारिता से ग्रसित ‘होकर विधि/नियम विरूद्ध तरीके से कार्य से पृथक कर दिया था।

जनभागीदारी अध्यक्ष पं. कौशल किशोर कन्हौआ के पत्र दिनांक 21.01.2025 प्रेषित कर लेख किया था कि छात्र हित को देखते हुए शरद कुमार भारद्वाज को प्रभारी प्राचार्य डॉ. चंदन सिंह सागर दुर्भावना पूर्वक हटाये जाने संबंधी कार्यवाही को विलोपित करने की अनुशंसा की जाकर शरद कुमार भारद्वाज को कम्प्यूटर शिक्षक के रूप में कार्य करने हेतु उनकी सेवाएँ बहाल करने की सहमति प्रदान की गई थी।
उसके बाद भी डॉ. चंदन सिंह सागर ने पं. कौशल किशोर कन्हौआ जनभागीदारी अध्यक्ष के पत्र की अनदेखी कर छात्र हित से खिलवाड़ किया।





जिसमें शरद कुमार भारद्वाज ने अपने संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण हेतु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्र. 05625/2025 प्रस्तुत की जिसमें माननीय न्यायालय ने सभी तथ्यों एवं पक्षों को सुनते हुए आदेश दिनांक 28.02.2025 पारित किया जिसमें प्रभारी प्राचार्य डॉ. चंदन सिंह सागर द्वारा जारी किये गये कार्यमुक्ति आदेश को निरस्त कर शरद कुमार भारद्वाज को न्याय दिया गया। इसकी पैरवी ऐडवोकेट प्रभात कुमार यादव ने की।