12 वां विज्ञान मेला बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में प्रारंभ,इसरो के डॉ. पंकज किल्लेदार ने विद्यार्थियों से किया संवाद

भोपाल,
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय परिसर में 12वें भोपाल विज्ञान मेले का भव्य शुभारंभ हुआ। उद्घाटन दिवस पर आयोजित दो प्रमुख आयोजनों—“महाप्रदर्शन” और “सीधे संवाद”—ने विद्यार्थियों व आगंतुकों को विज्ञान और नवाचार की नई ऊँचाइयों से परिचित कराया।
विशेष सत्र “सीधे संवाद” में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी के निदेशक एवं मुख्य अतिथि डॉ. पंकज दामोदर किल्लेदार ने विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया।
डॉ. किल्लेदार ने बताया कि इसरो विज़न 2040 के अंतर्गत भारत मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के माध्यम से चंद्रमा पर तिरंगा फहराने की तैयारी कर रहा है। वहीं विज़न 2047 में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुँचने की योजना है।
उन्होंने इसरो की प्रमुख उपलब्धियों—चंद्रयान (2008), मार्स ऑर्बिटर मिशन (2013), एस्ट्रोसैट (2015) और आदित्य-एल1 (2023)—का उल्लेख करते हुए छात्रों को वैज्ञानिक प्रशिक्षण व अवसरों की जानकारी दी।
छात्रों की जिज्ञासा और इसरो के उत्तर
अथर्व मिश्रोली (कक्षा 8, सागर पब्लिक स्कूल) ने पूछा—क्या अन्य ग्रहों पर मानव जीवन संभव है?
➝ डॉ. किल्लेदार: “गगनयान जैसी भविष्य की मिशनों की श्रृंखला इसरो को इस दिशा में सक्षम बनाती है।”
खुशबू (कक्षा 10) ने सवाल किया—इसरो के मिशन नासा व CNSA से अधिक किफायती कैसे होते हैं?
➝ डॉ. किल्लेदार: “भारत का मजबूत मानव संसाधन इसकी विशेषता है, और जब इसे उन्नत तकनीक व बड़े फंडिंग से जोड़ा जाएगा तो इसरो वैश्विक प्रतिस्पर्धा में और सशक्त होगा।”
“आम नागरिकों की सेवा ही इसरो का ध्येय”
डॉ. किल्लेदार ने अपने संबोधन में कहा—
“मैं स्वयं को भाग्यशाली मानता हूँ कि इसरो के उस मिशन का हिस्सा हूँ, जिसका मूल उद्देश्य भारत के आम नागरिकों की सेवा करना है।”
“महाप्रदर्शन”: नवाचारों और भावी वैज्ञानिकों का सफल मंच
नगर निगम महापौर श्रीमती मालती राय ने विज्ञान मेला एक्सपो “महाप्रदर्शन” का शुभारंभ किया। प्रदर्शनी में देश की ख्यातिनाम संस्थाओं के मंडप और कारीगरों की कौशलपूर्ण कृतियाँ मुख्य आकर्षण रहीं।
महापौर राय ने कहा—“महाप्रदर्शन एक बेहद सफल मंच है, जो देशभर के भावी वैज्ञानिकों को अपने प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत करने का अवसर देता है। इस तरह के आयोजन युवाओं को विज्ञान को केवल एक विषय के रूप में नहीं, बल्कि एक उज्ज्वल करियर विकल्प के रूप में अपनाने की प्रेरणा देते हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भोपाल विज्ञान मेला युवाओं की रचनात्मकता और जिज्ञासा को पंख देता है तथा देशभर के विद्यार्थियों को एक साझा मंच से जोड़ता है।

