परिश्रम, राष्ट्रभक्ति और अनुशासन की अग्नि में तपकर विस्तारकों को समाज मे उदाहरण प्रस्तुत करना होगा शंकरानंद

भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय विस्तारक वर्ग का समापन
भोपाल। विकसित भारत 2047 का संकल्प पूर्ण करने के लिए अब 22 वर्ष ही बचे हैं। इसके लिए हमें समयदान और वैचारिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। यह उद्गार भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन महामंत्री बी. आर. शंकरानन्द ने व्यक्त किए। वे भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय विस्तारक वर्ग के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंच पर प्रांत व्यवस्था प्रमुख एवं वर्गाधिकारी अरविंद सिंह चौहान भी उपस्थित थे। आइसर भोपाल के परिसर में 9 सितंबर से 16 सितंबर तक यह विस्तारक वर्ग आयोजित किया गया।
श्री शंकरानन्द ने आगे कहा कि विस्तारकों को अपने कार्य, व्यक्तित्व और संगठन क्षमता से उदाहरण बनना होगा क्योंकि समाज बड़े उदाहरणों का ही अनुकरण करता है। देश में परिवर्तन लाना है तो शिक्षा में परिवर्तन लाना होगा, इसके लिए ऐसे ऋषियों की आवश्यकता है जो राष्ट्र के लिए तप करने को तैयार हों। शिक्षक जब तक स्वयं नहीं तपता तब तक समाज परिवर्तन संभव नहीं है। भारत सदैव ऐसे तपोनिष्ठ कार्यकर्ताओं के उदाहरणों से भरा है, इसीलिए भारत जीवित है।
वर्गधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने अपने वक्तव्य में वर्ग की व्यवस्थाओं के संबंध में बताते हुए कहा कि विस्तार और कार्यकर्ता का आत्मीय संबंध होता है। सात दिन के इस वर्ग में सभी को यह आत्मीय अनुभव हुआ है।
*28 विस्तारकों ने सात दिन लिया प्रशिक्षण*
वर्ग में देशभर के 28 विस्तारक सम्मिलित हुए। इस वर्ष 8 नए विस्तारक संगठन कार्य को मजबूती देने के लिए निकले हैं। सात दिनों तक वर्ग में इन्हें अलग अलग सत्रों में बौद्धिक, शारिरिक एवं अन्य गतिविधियों का शिक्षण दिया गया।