न्यायालय के आदेशों की अव्हेलना करते मंडी सचिव, सरकार इनको पगार देती है परंतु इनको बटर भी चाहिए
न्यायालय के आदेशों की अव्हेलना करते मंडी सचिव, सरकार इनको पगार देती है परंतु इनको बटर भी चाहिए।
ऐसा ही एक मामला सामने प्रकाश में आया है जिसमें शिकायतकर्ता के द्वारा शिकायत की गई है कि कुछ मंडीयो में जो सचिव बैठे हैं
उनके द्वारा न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं सरकार इन मंडी सचिवों को पगार देती है परंतु उस पगार से इनका पेट नहीं भर रहा।
इसलिए इनको बटर भी चाहिए
बटर का मतलब आप समझ ही सकते हैं की ऊपरी कमाई या ब्लैक मनी ,
जिसका खुलासा हम आपके सामने जल्द ही करेंगे कि वह कौन मंडी सचिव है जिसके द्वारा न्यायालय के आदेशों की अव्हेलना की है
मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन संघ मुख्यालय में एमडी तक खबर क्यों नहीं पहुंच रही। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही कि मंत्रालय से कोई लेटर मुख्यालय भेजा गया है इसका भी खुलासा हम जल्द करेंगे।
क्या इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना संज्ञान लेंगे।
वही मुख्यालय में पदस्थ चक्रेश शर्मा के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की तो विभाग के द्वारा उसका ट्रांसफर कर दिया गया है परंतु एक बड़ा सवाल यह उठता है
कि उसको सस्पेंड क्यों नहीं किया , सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि चक्रेश शर्मा का जहां ट्रांसफर हुआ है उसने वहां पर अभी तक जॉइनिंग आमद नहीं दी है सूत्र बताते हैं कि चक्रेश शर्मा दोबारा भोपाल में पदस्थ होने की जुगाड़ में।