आरजीपीवी में आर्थिक अनियमितता ऑडिटर पर हो कार्यवाही- वित्तमंत्री सहित ICAI को भेजा ज्ञापन ABVP

भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में विगत दिनों बडी आर्थिक अनियमितता की खबरों के आने के बाद अभाविप के प्रदर्शन के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा शासन स्तर पर एक गठित जांच समिति के प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन के अनुसार विश्वविद्यालय में 19.48 करोड़ रुपये विश्वविद्यालय के खाते से निजी बैंक एकाउंट में स्थानांतरित होने की पुष्टि हुई है। विश्वविद्यालय के करोड़ो रूपये निजी बैंकों में अलग अलग स्वरूपों में अनियंत्रित रूप से रखे जाने की भी प्राप्त दस्तावेजों के आधार प्रमाणन हुआ है। लगभग 100 करोड़ रुपये की एफडी के संदर्भ में भी अनियमितता परिलक्षित हुई है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत शासन एवं विश्वविद्यालय द्वारा गांधीनगर थाना भोपाल में विश्वविद्यालय तत्कालीन कुलपति,कुलसचिव एवं अन्य के विरुद्ध भ्रष्टाचार एवं कूटरचित दस्तावेजों के बनाने एवं प्रस्तुत करने की गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की गई है।

जांच की रिपोर्ट के पैरा 21 में उल्लेख है कि विश्वविद्यालय के चार्टेड अकाउंटेंट श्री विकास जैन एंड कंपनी तथा चार्टेड एकाउन्टेन्ट मो सोहेल राईन (पार्टनर)1st फ्लोर चित्रांगदा कॉम्प्लेक्स हॉस्पिटल रोड विदिशा (मध्यप्रदेश)द्वारा बैंक के खाते के संदर्भ में एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसका संबंधित बैंक खाते के स्टेटमेंट से मिलान करने पर यह पाया गया कि चार्टेड अकाउंटेंट ने जिस खाते नंबर का प्रमाणीकरण दिया है वह संबंधित बैंक का नही है, बल्कि एक व्यक्ति का है, जिसमे करोड़ो रूपये की राशि स्थानांतरित की गई है। स्पष्ट है कि विश्वविद्यालय के चार्टेड अकाउंटेंट द्वारा कूटरचित दस्तावेज विश्वविद्यालय को प्रदान किया गया।यह घटना एक गंभीर संगठित अपराध की और संकेत कर रही है।
विकास कुमार जैन एवं उनके पार्टनर विश्वविद्यालय में वर्ष 2012-13,13-14 एवं तदुपरांत वर्ष 2016 -17 से निरंतर वर्ष 2023-24 तक के अंकेक्षण का कार्य देख रहे हैं। इस संबंध में विश्वविद्यालय की और से समय समय पर इनके अंकेक्षण कार्य हेतु आदेश जारी किए गए हैं।
इस प्रकार संगठित रूप से करोड़ो रूपये की राशि निजी खातों में डालना एवं अन्य लाभार्थी को देना एक अत्यंत गंभीर अपराध है।
अभाविप के प्रांत मंत्री श्री संदीप वैष्णव ने कहा कि अभाविप की स्पष्ट मांग हैं कि संबंधित चार्टर्ड अकाउंटेंट की फर्म विश्वविद्यालय की आर्थिक अनियमितता में संलिप्तता तथा वर्तमान घटनाक्रम में चार्टेड अकॉउंटें की भूमिका की जांच करवाकर इनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाए। इसको लेकर भारत सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी, एवं निदेशक अनुशासनात्मक निदेशालय (द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया) को पत्र लिखा है। साथ ही आज भोपाल कलेक्टर के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्री को भी ज्ञापन भेजा गया।