बेरोजगारों को रोजगार के नाम पर मध्यप्रदेश में भांति- भांति के तरीके से छला जा रहा
मध्य प्रदेश में फिर बेरोजगार युवाओं के साथ छलावा
बेरोजगारों को रोजगार के नाम पर मध्यप्रदेश में भांति- भांति के तरीके से छला जा रहा है,कभी उनसे परीक्षा के नाम पर भारी-भरकम फीस ली जा रही है और सरकार उनके साथ भी व्यापार करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है, उसी ही की बानगी है की व्यापम ने परीक्षा की फीस वसूल करके 1064 करोड रुपए कमाए और उसमें भी 500 करोड़ की एफडी करा के रख ली थी,जो आज 350 करोड़ की है ।
उसके बाद नया तथ्य युवाओं के बेरोजगारी के नाम पर निकल कर आ रहा है, जो श्री जीतू पटवारी जी के प्रश्न क्रमांक 3009 दिनांक 21 मार्च 2023 को निकला है जिसमें मध्य प्रदेश सरकार ने 2018 में युवाओं को रोजगार देने हेतु 15 जिला रोजगार कार्यालय का कार्य संचालन और बेरोजगारों को रोजगार देना था ये निजी एजेंसी जो कि यशस्वी अकैडमी फॉर टैलेंट मैनेजमेंट महाराष्ट्र की कंपनी थी को काम दिया गया था,जिसके अंतर्गत उसको मध्यप्रदेश में हर साल 35000 युवाओं को रोजगार देने का टारगेट दिया गया था पर 1 अक्टूबर 2020 से मार्च 21 मात्र 6 माह सिर्फ कंपनी को 25000 बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का टारगेट अनुबंध अनुसार दिया गया था, जिसमें कंपनी द्वारा 11680 युवाओं को रोजगार देना बताया गया , परंतु जब जांच की गई तो पता चला मात्र 4421 युवाओं को ही रोजगार मिला है वहीं अगले वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक 32,848 बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का टारगेट रखा गया था पर कंपनी इस एक वित्तीय वर्ष में एक भी बेरोजगार युवा को रोजगार नहीं दे पाई , 2 साल में मात्र कंपनी ने 4421 युवाओं को रोजगार दिया जिसके एवज में सरकार से 417,75000र रुपए फीस के बतौर कंपनी को भुगतान किया । जो प्रति बेरोजगार को रोजगार दिलाने के नाम पर ₹9450 रुपए फीस के बराबार कंपनी ने सरकार से चार्ज किए। वही 4421 बेरोजगार युवाओं को अधिकांश को 7 हजार से ₹10 हजार प्रति माह की नौकरी देना कंपनी ने बताया है। जैसा जीतू पटवारी ने कहा