भारतीय भाषाओं के लिए एकरूपता, वैज्ञानिक एवं तकनीकी परिभाषिक शब्दावली निर्माण हेतु देश भर में होगी कार्यशालाएं
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला दिल्ली में संपन्न हुई।
मप्र हिंदी ग्रंथ अकादमी के अधिकारीयों ने कार्यशाला में की सहभागिता।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए, 27 जून को विश्वकर्मा भवन आईआईटी दिल्ली में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई कार्यशाला में मप्र हिंदी ग्रंथ अकादमी के अधिकारियों ने भी सहभागिता की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप भारतीय भाषाओं के समग्र और बहुविषयक विकास के लिए क्रियान्वयन एवं कार्ययोजना के लिए शब्दावली निर्माण हेतु देश भर में कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी
भारतीय भाषा समिति नई दिल्ली द्वारा आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पारिभाषिक शब्दावली के अनुसार अखिल भारतीय पारिभाषिक शब्दावली का निर्माण कर पाठ्यक्रम आधारित पुस्तकों में नवीन शब्दावली को शामिल किया जाएगा भारतीय भाषा समिति के द्वारा मुख्य रूप से भारतीय भाषाओं के लिए एक समान वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली के लिए मंथन किया गया। कार्यशाला को प्रोफेसर शैलेंद्र मोहन निदेशक केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान मैसूर प्रोफेसर धनंजय सिंह अध्यक्ष केंद्रीय वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग नई दिल्ली श्री चमू कृष्ण शास्त्री अध्यक्ष भारती भाषा समिति नई दिल्ली डॉक्टर जगदीश कुमार पूर्व अध्यक्ष यूजीसी नई दिल्ली वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अनिल सहस्त्र बुद्धे, डॉक्टर बुद्ध चंद्रशेखर निदेशक आईसीएफटी नई दिल्ली ने संबोधित किया कार्यशाला में मध्य प्रदेश से हिंदी ग्रंथ अकादमी के संयुक्त संचालक डॉ.उत्तम सिंह चौहान, सहायक संचालक राम विश्वास कुशवाहा ने अकादमी भोपाल के कार्य योजना, संचालित, गतिविधियों, प्रगति प्रतिवेदन, प्रकाशित पुस्तकों की जानकारी प्रस्तुत की। कार्यशाला में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ हिंदी ग्रंथ अकादमी, तकनीकी तथा वैज्ञानिक शब्दावली आयोग नई दिल्ली, केंद्रीय हिंदी निदेशालय दिल्ली, साहित्य परिषद आगरा ,महाराष्ट्र, बैंगलोर, असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल ,गुजरात, उड़ीसा ,गोवा, मुंबई हैदराबाद ,चेन्नई, राज्यों की अकादमी या परिषद बोर्ड इत्यादि ने भाग लिया। कार्यशाला में उपस्थित मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के संयुक्त संचालक डॉक्टर उत्तम सिंह सहायक संचालक राम विश्वास कुशवाहा ने संयुक्त रूप से बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा के सभी स्तरों पर शिक्षण के माध्यम के रूप में मातृभाषा/स्थानीय भाषा के उपयोग पर जोर दिया गया है। भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें और अध्ययन सामग्री छात्रों के विषयों को बेहतर ढंग से समझने में सहायता के लिए सभी भाषाओं पर आधारित शब्दावली शब्दों के निर्माण हेतु व्यापक स्तर पर कार्य करने का निर्णय लिया गया भारतीय भाषा पुस्तक योजना एक केंद्रीय योजना के माध्यम से स्कूल और उच्च शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर पढ़ाई जा रही पाठ्यपुस्तकों को 22 भारतीय भाषाओं में डिजिटल रूप में उपलब्ध कराने हेतु
पुस्तक निर्माण का समन्वय भारतीय भाषा समिति दिल्ली द्वारा जाएगा तथा इसकी योजना और क्रियान्वयन विनियामक प्राधिकरणों और यूजीसी, एआईसीटीई, आईएनआई और एनआईएमआई/एनएसडीसी जैसी संस्थाओं द्वारा सहयोग से किया जाएगा।