लेखापाल और प्रभारी प्राचार्य की मिली भगत, परीक्षा पूर्व नही जमा कराया परीक्षा केन्द्र व्यय ?
शासकीय खजाने का ₹7 लाख ठिकाने लगाने का प्रयास

चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीहोर मे परीक्षा व्यय घोटाला

भोपाल- बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीहोर को विश्वविद्यालयीन मुख्य परीक्षाओं को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। सूत्रो के अनुसार 15-16 कालेजो का मुख्य परीक्षा केन्द बनाया जाता है चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीहोर को। संलिप्तता को भंण्डाफोड होने के कारण आनन-फानन में पैसा जमा करने के लिये भेजा गया पत्र क्योकि लेखापाल और प्राचार्य की थी मिलीभगत ?
आदेश कहता हैै कि जिन कालेजो का परीक्षा केन्द्र चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सीहोर को बनाया गया है उनके द्वारा परीक्षा प्रारम्भ होने से पूर्व ही केन्द्र व्यय जमा करा दिया जायेगा। लेकिन लगभग 07 लाख जमा कराये वगैर क्यो परीक्षा कराया गया ? सीधा मतलब है कि नियम विरूद्व शासकीय खजाने से वीक्षको को भुगतान करके शासकीय धन का चुना लगाने का प्रयास किया गया अन्यथा विभाग को बताया जाता लेकिन ऐसे नही किया गया। विभाग को कम से कम पिछले 6-7 साल से मुख्य परीक्षा केन्द्र जमा कराया गया है कि नही का परीक्षण कराया जाना चाहिये। जिससे बड़ी अनियमित्ता बाहर आ सकती है

वीक्षको को परीक्षा कार्य के पारिश्रमिक का भुगतान परीक्षा के दिन नही किया जाता है वह भी विशेषकर जो बाहर से बुलाये जाते थे जबकि सहायक परीक्षा केन्द्र अधीक्षक तो नियुक्त किये गये ही होगे ? कुछ एैसे भी वीक्षक बना दिये जाते है जो चाय पीकर घर चले जाते है। कालेज के लेखापाल और प्राचार्य के मिली भगत से कई साल से मुख्य परीक्षाओं के परीक्षा केन्द्र जानबुझकर परीक्षा पूर्व जमा ही नही जा रहे थे। खैर होगा कोई उनका लाभ। वैसे तो विश्वविद्यालयीन खाते में भी 30-35 लाख तो होगा ही। जिसमे से नही किया जाता है वीक्षको को भुगतान। सूत्रो को कहना है कि बाहर से बुलाये गये वीक्षक भी अपने घर से पैसा लगाकर कब तक परीक्षा कराने आते ………………. आगे और भी खुलासे किए जाएंगे।
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