रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) में लेब के लिए खरीदी उपकरणों में 50 करोड़ों के भ्रष्टाचार,जिसकी शिकायत मुख्य सचिव से की गई,मुख्य सचिव ने अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण

रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) में खरीदी में करोड़ों के घोटाले,जिसकी शिकायत मुख्य सचिव से की गई,

मुख्य सचिव ने अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हुए करोड़ों रुपए की अनियमित के बाद अब राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान में भी घोटाले सामने आ गए हैं जिसकी शिकायत मुख्य सचिव से की गई है
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान कॉलेज के उत्थान के लिए अनेक उपकरण /तकनीकी सामानों के टेंडर महाविद्यालय से जारी किए जाते हैं
करोड़ों के टेंडर किए गए, इन टेंडरों में करोड़ों का भ्रष्टाचार करने के गंभीर अनियमितता की गई है जिसकी शिकायत मुख्य सचिव से की गई है जो हमारे सूत्रों से जानकारी मिली है
जो कि निम्न अनुसार है

1) NIt publish नही की
B)जबकि SPR मे 3 newspaper में अनिवार्य रूप से देना है का उल्लेख है
2) 21 दिन की जगह 14 दिन की निविदा की , नियम विरूद्ध
3) corrigendum जारी करने के साथ date बढानी होती है , नही बढाई
4) तकनीकी मूल्यांकन पर निविदा के आगे की कार्रवाई portal पर बतानी होती है जिससे निविताकर्ता को जानकारी मिलती है जानबूझकर सार्वजनिक नही की ,
5) इससे जो निविदाकरता बहार हो गया उसे पता ही नही चला कयो / कब बहार हो गया
6) demonstration के लिये कुल 24 घनटे का समय दिया / वो भी sunday वाला दिन
7) निविदाकर्ता जिनकी विभाग मे setting थी वो 1000 km से आ भी गये और demo दे दिया.
8) निविदा मे turnover को लेकर मनमानी करी , turnover clause को मनमर्ज़ी से घटाया / बढ़ाया जिसका कोई आघार नही है
9 ) 1 tender 7 दिन के लिये किया , कयो पता नही , फिर 7 बे दिन उसे फिर 7 दिन बढा दिया जिसकी दोनो stage ही SPR की rule के बिलकुल उलटी है
10 ) निविदा मे कुछ उत्पाद 10/20 लाख value के है , उसके लिये भी 150/200 गुना turnover मॉगा गया
11) 10/20 लाख की supplies के लिये 15-25 लाख की emd मॉगी , जबकी SPR मे कुल ३ % का प्रवघान है
12) जो निविदाकर्ता पास हुये है , उनके documents मे कमी है , पर उन्हें जानबूझकर ignore किया
13) जिन निविदाकर्ता को बहार करना था उनकी छोटी कमी मे बहार कर दिया
14)price bid opening की stage आ गई पर portal पर evaluation in process ही दिखा रहा है , जिससे निविदाकर्ता को कुछ पता ही नही चले
मुख्य सचिव ने स्पष्टीकरण जारी किया है जिसका उत्तर नीचे के अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं विभाग में खलबली मची हुई है अब यह जांच का विषय है