हिंदी विश्वविद्यालय का विवादों से नाता नियुक्तियों में अपने चहेतों के लिए आरक्षण में हेराफेरी धांधली मनमानी एपीआई मेरिट लिस्ट एवं साक्षात्कार के मानक मापदंड एवं नियम विरुद्ध की गई भर्ती

अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल में हुई शैक्षणिक पदों पर नियुक्तियों में अपनो चेहेतो के लिये आरक्षण मे हेराफरी, धांधली, मनमानी, एपीआई, मेरिट लिस्ट एवं साक्षात्कार के मानक मापदण्ड एवं नियम विरूद्व की गयी भर्ती।
मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार विभाग स्तर पर रोस्टर निधार्रण हेतु अधिकृत कमेटी के मुखिया/विभागाध्यक्ष, अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति थे।
विश्वविद्यालय द्वारा सहायक प्राध्यापक की भर्ती हेतु प्रकाशित विज्ञापन क्र./एफ-1(16)/2022/स्था./2147, भोपाल दिनांक 28/4/2022 मे जो विषय संचालित होने के कारण पढाये जा रहे है और अतिथि विद्वान नियुक्त है को जानबुझकर आरक्षण मे नही लिया गया गया।
विज्ञापन एवं भर्ती मे अनियमित्ता के बिन्दु-
1- माननीय उच्च न्यायालय द्वारा wp28322/2022 में रसायन षास्त्र विषय में स्थगन और नोटिस के बाद भी नियुक्ति दिया गया।
2- कुलपति डाॅ. डेहरिया की अध्यक्षता में गठित रोस्टर निधार्रण समिति जिसमें अजाक्स प्रतिनिधि भी सम्मिलित थे, बैठक दिनांक 13/4/2022 में संवर्गवार षैक्षणिक पदों के माडॅल रोस्टर के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। कुलपति की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अनुमोदित रोस्टर में आरक्षण बिन्दु प्रभावित किये गये जिससे कुलपति ने सुनियोजित तरीके से अपने पूर्व परिचितों और चहेतो का नियम विरूद्व चयन किया।
3- बैठक दिनांक 13/4/2022 में कुछ विभागो के नाम परिवर्तित किये गये। जिसके अनुसार यदि उसे विज्ञापित भी किया गया तो अन्त में जाना था। किन्तु उसे सर्वप्रथम रखकर उसके पद को सामान्य वर्ग में रखा गया। निश्चित रूप से यह योजनावद्ध प्रयास हैं। इससे पदों का रोस्टर गड़बड़ा गया एवं आरक्षण की स्थिति/रोस्टर बिन्दु ही प्रभावित हो गये,जिससे उनके खास लोग लाभान्वित हुये।
4- विश्वविद्यालय के कार्यवृत्ति भोपाल दिनांक 25/4/2022 के प्रस्ताव क्रमांक 01 के निणर्य मे विज्ञापन क्र./एफ-1(16)/2022/स्था./2067,भोपाल दिनांक 31/3/2022 मे विज्ञापिन्त पदो के विषयो मे अपने लोगो को उपकृत्य करने के लिये विज्ञाप्ति पदो के आरक्षण रोस्टर मे हेराफरी करते हुये अवैध तरीके से निरस्त किया गया।
5- उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 25/9/2017 द्वारा सहायक प्राध्यापक के 18 पद स्वीकृत है, के भर्ती हेतु विश्वविद्यालय द्वारा विज्ञापन क्र./एफ-1(16)/2022/स्था./2067,भोपाल दिनांक 31/3/2022 जारी किया गया।
6- अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा सहायक प्राध्यापक की भर्ती हेतु विज्ञापन क्र./एफ-1(16)/2022/स्था./2147, भोपाल दिनांक 28/4/2022 के जारी किया गया लेकिन तीन समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित नही किया गया जो अनिवार्य था।
7- संचालित एवं पढाये जा रहे विषयों के विभागो के नाम अग्रेजी की वर्णमालाक्रम के अनुसार क्रमशः रखते हुये शैक्षणिक पदों का रोस्टर तैयार कर भर्ती करने के बजाय अपने लोगो को रखने के लिये विभाग का ही नाम बदल दिया गया जिससे की आरक्षण का लाभ नही मिल सका फलस्वरूप अपने परिचित की भर्ती की।
8- विश्वविद्यालय में विभागवार आरक्षण न देकर विश्वविद्यालय को Unit मानकर विषयवार आरक्षण लगाया गया। अतएव Alphabetically विभाग को रखा जाना था किन्तु कुछ व्यक्तियों को सामान्य पद का लाभ देने हेतु उनके विभागों के नामों में परिवर्तन कर दिया गया।
9- यह कि Ancient History तथा History पृथक विभाग है। रोस्टर में दोनो को एक साथ दर्षाया गया है। विज्ञापन में दोनो विषय को एक साथ रोस्टर सहित में बताकर भर्ती करना गलत है।
10- यह कि Commerce तथा Management पृथक विभाग है। रोस्टर में दोनो को एक साथ दर्षाना गलत है।
11- यह कि Public administration तथा Political पृथक विभाग है। रोस्टर में दोनो को एक साथ दर्शना गलत है।
12- यह कि Sociology तथा Social Work पृथक विभाग है। रोस्टर में दोनो को एक साथ दर्षाना गलत है।
13- सभी संचालित विषयों उन विषयों को जो पढाया जा रहा है और उसके लिये अतिथि विद्वान नियुक्त भी है, जैसे कि कृषि, गृह विज्ञान आदि को आरक्षण रोस्टर में नही लेने से क्रम प्रभावित किया गया।
Agriculture को रोस्टर में नही लिया गया। जबकि पढाया जा रहा है
Agriculture Engineering को रोस्टर में नही लिया गया। जबकि पढाया जा रहा है।
Biodiversity को रोस्टर में नही लिया गया।
रविन्द्र अशोक राव मुडे Dance मे अतिथि विद्वान नियुक्त है को रोस्टर में नही लिया गया ।
डाॅ. अमीन खान Fisheries मे अतिथि विद्वान नियुक्त है को रोस्टर में नही लिया गया ।
डाॅ. कमलिनी पसीने Linguistic मे अतिथि विद्वान नियुक्त है, को रोस्टर में नही लिया गया ।
डाॅ. अतिमाबाला जैन Management मे अतिथि विद्वान नियुक्त है,को रोस्टर में नही लिया गया ।
डाॅ. हरीष वर्मा Music मे अतिथि विद्वान नियुक्त है, को रोस्टर में नही लिया गया ।
डाॅ. बृजेष रिछारिया Sanskrit मे अतिथि विद्वान नियुक्त है, को रोस्टर में नही लिया गया ।
14- आरक्षण रोस्टर मे विकलांगो को संवर्गवार और विषयवार 6 प्रतिशत सीटे नही दी गयी।
15- भर्ती विज्ञापन के अनुसार अनुभव एवं प्रकाशन एवं अतिरिक्त योग्यता तथा साक्षात्कार के अंक नही दिये गये जबकि मेरिट लिस्ट बनाने के विधिक प्रक्रिया निधार्रित की जाती है।
16- विषयवार जारी पात्रों उम्मीदवारों की सूची से कई विषय में विसंगती दिखाई दे रहा है।
1ण् Botany पीएचडी उपाधि आवेदन दिनांक को होना चाहिये था।
2ण् Commerce में केवल एक ही पात्र आवेदक थी। जबकि उसने आवेदन के समय अनिवार्य दस्तावजे जमा नही किया था। एक ही आवेदक रहने के कारण नियमानुसार साक्षात्कार नही कराया जा सकता। एैस दशा मे पारदर्षी भर्ती के लिये नये लोगो को पुनः आवेदन के लिये अवसर देना चाहये था जो नही किया गया।
3ण् Fine Art में कुल तीन आवेदन आये थे। जिसमें केवल एक ही पात्र आवेदक था। जबकि एक के पास आवेदन के समय अनिवार्य दस्तावेज अन्य पिछड़ा वर्ग का नही था। नियमानुसार साक्षात्कार नही कराया जा सकता।
4ण् Geography- में कुल चार आवेदन आये थे। जिसमें केवल दो ही पात्र थे। जबकि और दो के पास आवेदन के समय अनिवार्य दस्तावेज नही था। नियमानुसार साक्षातकार नही कराया जा सकता।
5ण् Hindi में कुल 6 आवेदन आये थे। जिसमें केवल तीन ही पात्र थे। जबकि और दो के पास आवेदन के समय अनिवार्य दस्तावेज नही था। नियमानुसार साक्षातकार नही कराया जा सकता।
6ण् Yoga में नीलम सिंह के पास अनिवार्य दस्तावेज नही था। नियमानुसार साक्षातकार नही कराया जा सकता।
17- पद के अनुरूप साक्षात्कार पूर्व संवर्गवार और विषयवार मेरिट लिस्ट नही बनायी गयी और ना भर्ती मे API की गणना छानबीन समिति एवं चयन समिति द्वारा पृथक से नही की गयी जिस उम्मीद्वार ने जो जानकारी उसे ही सत्य मान लिया गया। मेरिट लिस्ट सार्वजनिक नही की गयी और नियुक्तिी पत्र जारी किये गये।
18- कार्यपरिषद के कार्यवृति दिनांक 04/02/2023 में उक्त पदों हेतु चयन समिति की अनुशंसाओं को अनुमोदित किया गया। कार्यपरिषद द्वारा उक्त पदों हेतु चयन समिति की अनुशसाओं को अनुमोदित करते समय ना तो मध्य प्रदेष शासन की पूर्व स्वीकृति देखी गयी एवं ना ही विज्ञापन की शर्तो की ओर गौर किया गया। उक्त नियुक्तियाॅ मध्य प्रदेश शासन के क्षेत्राधिकार का अतिक्रमण करते हुये एवं विश्वविद्यालय अधिनियम का उल्लंघन कर की गयी। इन पदों पर नियुक्ति में भी कोई पारदर्शिता नहीं थी।
19- कुलपति के अनुभव और योग्यता की जाॅच को विशेष रूप से कराया जावे जिससे पता चल सके कि कुलपति बननें के आवेदन दिनांक को उनके पास यूजीसी द्वारा निधार्रित अनिवार्य अनुभव और योग्यता था। क्योकि राजभवन द्वारा कुलपति के अनिवार्य अनुभव और योग्यता के अभिलेख को सार्वजनिक नही किया जा रहा है के कारण संदेह हो रहा है।
20- विज्ञापन क्र./एफ-1(16)/2022/स्थापना/690, भोपाल दिनांक 21/2/2023 को 13 लोगो को नियुक्ति देने की सूचना सार्वजनिक किया गया। जब नियुक्ति दे दिया गया है तो उसी पद पर पुनः अतिथि विद्वानो को नियुक्ति बिना पद स्वीकृत के दिया गया है जिससे लाखो रूपये की आर्थिक नुकसान विश्वविद्यालय को कलुुपति के कारण हो रहा है।