मध्य प्रदेश

एचआईवी, एड्स पर आयोजित हुई कार्यशाला

रेड रिबन क्लब एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रतिभागियों का किया उन्मुखीकरण

भोपाल: 15 फरवरी 2024 स्वास्थ्य विभाग द्वारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में रेड रिबन क्लब के नोडल अधिकारियों एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संगठकों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के पहले दिन गुरुवार को भोपाल जिले के प्रतिभागियों को एचआईवी, एड्स के कारणों, भ्रांतियों एवं सामाजिक भेदभाव को दूर करने, एचआईवी अधिनियम, एंटीवायरल ट्रीटमेंट, क्षय उन्मूलन कार्यक्रम एवं रेड रिबन क्लब की भूमिका के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गई। कार्यशाला के आज दूसरे दिन भोपाल संभाग के अन्य जिलों के प्रतिभागी सम्मिलित होंगे। कार्यशाला में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान तथा एमपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के विशेषज्ञों द्वारा पर उन्मुखीकरण किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि एड्स के प्रति जागरूकता के साथ-साथ, इसके साथ जी रहे लोगों के प्रति सामाजिक भेदभाव, भ्रांतियों को दूर करना भी जरूरी है। लोगों तक यह जानकारी पहुंचाने में रेड रिबन क्लब की महत्वपूर्ण भूमिका है। स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रसव पूर्व जांच के दौरान एचआईवी टेस्टिंग अनिवार्य रूप से की जाती है। "पीपल लिविंग विद एचआईवी" की व्यक्तिगत एवं पारिवारिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें परिवार कल्याण के स्थाई साधनों से जोड़ा जा रहा है। एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए, कंडोम के सही ढंग से इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी जा रही है। एचआईवी की जांच के लिए भोपाल जिले में 12 आईसीटीसी सेंटर संचालित है। एम्स, जेपी चिकित्सालय, गांधी मेडिकल कॉलेज, सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल, टीबी हॉस्पिटल , सिविल अस्पताल काटजू, बैरागढ़, बैरसिया, बीएमएचआरसी,चिरायु मेडिकल कॉलेज, जेके मेडिकल कॉलेज, पीपल्स मेडिकल कॉलेज में संचालित इन आईसीटीसी केंद्रों में एचआईवी के नि:शुल्क परामर्श एवं जांच की सुविधा उपलब्ध है। एचआईवी के नि:शुल्क उपचार के लिए एआरटी सेंटर हमीदिया चिकित्सालय, एम्स, जेके हॉस्पिटल, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज, चिरायु मेडिकल कॉलेज और महावीर मेडिकल कॉलेज में संचालित किए जा रहे हैं । कार्यशाला में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ.शाश्वत नेमा ने एचआईवी की जानकारी, जांच के दिशा निर्देशों एवं एचआईवी एड्स अधिनियम 2017 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य एचआईवी एड्स के व्यक्तियों के साथ, अन्य लोगों के व्यवहार में परिवर्तन एवं सकारात्मक दृष्टिकोण की दिशा में बदलाव लाना है। एचआईवी एड्स के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए, एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति और एचआईवी से प्रभावित व्यक्तियों के मानव अधिकारों की सुरक्षा, उचित स्वास्थ्य उपलब्ध देखभाल करवाना, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और अन्य व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करना इस एक्ट के मुख्य उद्देश्य है। मध्य प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति की उपसंचालक, आईसीटीसी डाॅ. अंकिता पाटिल ने मध्य प्रदेश में नेशनल एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत लक्ष्य या 95 -95-95 निर्धारित किया गया है, जिसके तहत वर्ष 2030 तक एचआईवी संभावित लोगों में से 95 प्रतिशत लोगों को उनकी एचआईवी अवस्था का ज्ञान होना, एचआईवी संक्रमित लोगों में से 95 प्रतिशत लोगों को एआरटी उपचार सुनिश्चित करना एवं एआरटी उपचार ले रहे एचआईवी संक्रमितों में से 95 प्रतिशत लोगों को उनके वायरल लोड का दामन करना निर्धारित किया गया है। मध्यप्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति की संयुक्त संचालक श्रीमती सविता ठाकुर ने एचआईवी नियंत्रण एवं जागरूकता के लिए रेड रिबन क्लब की भूमिका के बारे में बताया। युवाओं को एचआईवी एड्स, यौन रोग, स्वस्थ यौन व्यवहार पर सही एवं पर्याप्त जानकारी देकर व्याप्त भ्रांतियां दूर करने, नशे को रोकने, स्वैच्छिक रक्तदान दिवस जैसी गतिविधियों को आयोजित करने में रेड रिबन क्लब महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह एक अनौपचारिक क्लब है। जो कि युवा पीढ़ी को अपने साथी के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना तथा जीवन में उत्तरदायित्वपूर्ण व्यवहार को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। कम्युनिटी फैमिली मेडिसिन विभाग के डॉ. संजीव कुमार द्वारा एचआईवी प्रसार के लिए उत्तरदायी कारणों एवं व्यवहारों के बारे में बताते हुए कार्यशाला में जानकारी दी गई कि एचआईवी का संक्रमण साथ में खाना खाने, हाथ या गले मिलने, खाने के बर्तन, कपड़े, बिस्तर , शौचालय, टेलीफोन, स्विमिंग पूल के उपयोग, खांसने, छींकने, मच्छरों के काटने या घरों में पाए जाने वाले कीड़े मकोड़े के काटने इत्यादि से नहीं फैलता है। एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए यौन संबंधों के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करके, केवल लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंक से जांच किए गए खून का इस्तेमाल, हर बार नई सीरिंज का इस्तेमाल और गर्भावस्था के दौरान एचआईवी की अनिवार्य रूप से जांच करवा कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। कार्यशाला में मेडिसिन विभाग की प्रोफेसर डॉ. सीमा महंत द्वारा एंटीवायरल ट्रीटमेंट, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. अलकेश खुराना द्वारा क्षय उन्मूलन कार्यक्रम एवं टीबी उपचार की गाइडलाइन, मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अभिषेक सिंघई द्वारा वायरल हेपेटाइटिस जांच एवं प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई।

Vijay Vishwakarma

Vijay Vishwakarma is a respected journalist based in Bhopal, who reports for Goodluck Media News. He is known for his exceptional reporting skills and extensive knowledge of the region. With a keen eye for detail and a passion for uncovering the truth, he has earned a reputation as a reliable and trustworthy source of news.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button