केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, भोपाल परिसर के भवभूति प्रेक्षागार मे आज जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में शहीद हुए पर्यटकों के लिए शोक सभा

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, भोपाल परिसर के भवभूति प्रेक्षागार में दिनांक 24.04.2025 को जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में दिनांक 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए पर्यटकों के लिए शोक सभा का अयोजन किया गया।

परिसर निदेशक प्रो. रमाकान्त पाण्डेय जी ने कश्मीर के विषय में बताया कि कश्मीर विश्वसंस्कृति का आदिस्रोत है। विभिन्न भारतीय विद्याओं का उद्गम कश्मीर में हुआ। वहाँ व्याकरण, दर्शन, साहित्य आदि विद्याओं का विकास हुआ तथा प्राचीन काल से ही सुदूर दक्षिण तक से लोग कश्मीर जाते रहे हैं, जिनके साक्ष्य विद्यमान हैं।

कश्मीर भारतीय संस्कृति की अलख जगाने वाली भूमि में धर्म पूछकर नरसंहार किया गया। यह भारतीय संस्कृति पर गहरा आघात है। यह कृत्य नितांत निंदनीय है तथा भारत के जन-जन पर असह्य प्रहार है। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर ने ऐसे कुकृत्य की निन्दा की तथा ऐसे कृत्यों को अमानवीय बताया और साथ ही कहा कि शारदा नाम से विख्यात इस क्षेत्र में क्रूर कृत्यों के लिये कोई स्थान नहीं है। परिसर के छात्रों, प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने मौन रह कर शहीद- आत्माओं को श्रद्धाँजलि दी।
