ई-अटैन्डेंस के विरोध में शिक्षकों की एकजुटता तेजशोषण के खिलाफ आवाज बुलंद, सोशल मीडिया पर भी आंदोलन की लहर
बुरहानपुर- मध्यप्रदेश के शासकीय स्कूलों में अनिवार्य की जा रही ई-अटैन्डेंस प्रणाली को लेकर प्रदेशभर में शिक्षकों में रोष बढ़ता जा रहा है। कर्मचारियों और शिक्षकों ने इसे अपने स्वाभिमान पर सीधा हमला बताते हुए सामूहिक विरोध और बहिष्कार की चेतावनी दी है।
प्रदेश कर्मचारी महासंघ प्रदेश अध्यक्ष भोपाल ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित द्वारा जारी अपील में कहा गया है कि यह फरमान शिक्षकों के आत्मसम्मान और कार्य स्वायत्तता के विपरीत है। शिक्षकों से आग्रह किया गया है कि वे इस आदेश का पूर्ण रूप से बहिष्कार करें, अटैन्डेंस न लगाएं और इस विरोध को व्यापक रूप दें। संयुक्त मोर्चा की जिला अध्यक्ष ठाकुर संजय सिंह गहलोत डॉक्टर अशफाक खान धर्मेंद्र चौक से अनिल बाविस्कर बृजेश राठौर राजेश साल्वे राजेश पाटील अनिल सातव नैमुर रहमान प्रमिला सगरे कल्पना पवार ठाकुर अरविंद सिंह द्वारा संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहा कि
शिक्षकों से सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी बात रखने और इस तुगलकी फरमान के विरुद्ध कलम चलाने की अपील की गई है, ताकि प्रदेश के चार लाख से अधिक शिक्षक एकजुट होकर शासन को सशक्त संदेश दे सकें।
अपील में स्पष्ट किया गया है कि यदि ऐसे समय में शिक्षक मौन और निष्क्रिय रहते हैं, तो कुछ गिने-चुने शोषणकारी तत्व पूरे समुदाय पर मनमानी करते रहेंगे। यह सिर्फ ई-अटैन्डेंस नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा जगत के अस्तित्व और गरिमा का सवाल है।
महासंघ ने सभी शिक्षकों से आग्रह किया है कि वे विरोध स्वरूप ज्ञापन सौंपें, धरना दें और सोशल मीडिया पर जनमत तैयार करें ताकि शासन इस व्यवस्था को वापस लेने पर मजबूर हो। साथ ही यह अपील भी की गई है कि सभी शिक्षक इस संदेश को अपने-अपने शिक्षक समूहों में अधिक से अधिक साझा करें।