ED(प्रवर्तन निदेशालय) जांच करेगी आरजीपीवी(RGPV) की, RGPV ने 70 साल के ऊपर के लोगों को रिटायरमेंट के बाद काम पर रखा

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में घोटाले के बाद अब ED(प्रवर्तन निदेशालय) जांच करेगी . वही हमारे सूत्रों से जानकारी मिली है कि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को एक लेटर जारी किया है ED ने.
कुछ जानकारी मांगी है हमारे सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि शिकायतकर्ता के द्वारा प्रवर्तन निदेशालय को शिकायत की गई जिसमें आरजीपीवी में जो बिल्डिंग बनी है उसकी जानकारी और बैंक ,जमीन और भी कई दस्तावेज की जानकारी मांगी गई है .
अगर ED राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जब से बना है तब से जांच अगर करता है तो 1500 करोड रुपए का घोटाला सामने आ सकता है यह जांच का विषय है
क्योंकि काफी अनियमिताएं यहां RGPV मे,
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जब से बना है मनमर्जी से यहां पर लोगों को रख लिया गया है इन सभी की भी जांच होना चाहिए.
कई लोग जो प्रतिनियुक्ति जैसे OPTEL और अन्य विभाग से यहां पर आए हैं उनको भी यहां पर रख लिया गया.
और इनका कार्यकाल सिर्फ एक से दो साल के लिए था और इनको वापस भेजना था
जिसके बाद हाई कोर्ट में इन लोगों के द्वारा शरण ली गई परंतु हाई कोर्ट ने भी इनको वहां से जाने के आदेश जारी कर दिए हैं 2017 तक हाई कोर्ट में केस भी चला है परंतु राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में जो विधि सलाहकार और जो अन्य अधिकारी हैं इनको बचाने में लगे हुए हैं
जो विधि सलाहकार हैं वह हाई कोर्ट द्वारा भेजे गए पत्रों को दबा लेते हैं
जिसके बाद भी यह कर्मचारी अभी तक यहां पर कार्य कर रहै हैं और करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार इनके द्वारा भी किया जा रहा है
क्यों आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हैं रजिस्टर मोहन सेन और वीसी रूपम गुप्ता .
क्यों इनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जा रही कुछ लोग इसमें रिटायर भी हो गए हैं जो वर्तमान में पेंशन भी ले रहे हैं
वही हम आपको बता दें कि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अभी जो घोटाला हुआ है
उसके बाद 70 से 75 वर्ष की उम्र के रिटायर हो चुके लोगों को काम पर विश्वविद्यालय के द्वारा रख लिया है
अब सवाल ले उठता है कि क्यों नई पीढ़ी को मौका नही दिया जा रहा.
यहां पर मैं आपको एक बात और बताना चाहूंगा की प्रतिनियुक्ति से जो लोग आए थे उनके विरुद्ध राजभवन के सचिवालय से भी पत्र जारी हुए थे इनका हटाने के लिए परंतु किसकी शै पर यह लोग अभी तक यहां पर कार्य कर रहे हैं और तनख्वाह ले रहे हैं क्यों नहीं इनको हटाया जा रहा.
कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार की बू आ रही है कब उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी