EOW ने मंडी बोर्ड में पदस्थ उपयंत्री चक्रेश शर्मा और सलिल गर्ग प्रभारी अधीक्षण यंत्री पर FIR क्र- 0045/24 दर्ज की, धारा-420, 120B

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल के द्वारा मंडी बोर्ड में पदस्थ उपयंत्रि चक्रेश शर्मा और अधीक्षण यंत्री सलिल गर्ग एवं अन्य पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है

वहीं हम आपको बता दें कि शिकायतकर्ता भारत गुप्ता ठेकेदार सीहोर द्वारा ,अनिल ठाकुर पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू भोपाल को शिकायत की गई थी जिसमें चक्रेश शर्मा प्रभारी उपन्यत्री और सलिल गर्ग प्रभारी अधीक्षण यंत्री मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड मुख्यालय भोपाल एवं अन्य के विरुद्ध FIR दर्ज करने के लिए लिखित में आवेदन दिया था जिसके बाद ईओडब्ल्यू ने जांच को सत्यापित करने के बाद FIR 45/2024 धारा 420 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है
परंतु यहां पर देखने वाली बात यह है कि EOW मैं मामला दर्ज होने के बाद इनको यहां से हटा दिया गया है विभाग के द्वारा इनको सस्पेंड नहीं किया गया , बड़ा सवाल
उपयंत्रि चक्रेश शर्मा और अधीक्षण यंत्री सलिल गर्ग के द्वारा टेंडर में हेरा फेरी की गई थी .


नोट:- मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड (मंडी बोर्ड) मुख्यालय में काफी अनियमिताएं हुई हैं कुछ दिनों पहले भी एक विधायक के द्वारा विधानसभा में सवाल उठाए गए हैं और यहां पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार होते हैं यहां पर कार्रवाई नहीं होती.
1-पूर्व मंडी सचिव विनय प्रकाश पटेरिया पर आज तक FIR नहीं की गई है
( 2 करोड) रुपए किसकी जेब में गए, मंडी शुल्क फल सब्जी ,
2- फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी कर रहे.
3- सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार स्टोर शाखा और स्थापना शाखा में नायक के द्वारा करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार किया और सस्पेंड भी किया,
परंतु FIR दर्ज नहीं की गई जिस प्रकार चक्रेश शर्मा और सलिल गर्ग ने किया ऐसा ही मामला वह भी है
बैक डेट में उनके द्वारा लोगों के ट्रांसफर किए गए हैं लेनदेन करके जो हमें सूत्रों से जानकारी मिली है
वीडियो फुटेज मौजूद छुट्टी के दिन भी ऑफिस में यह कार्य कर रहे थे ट्रांसफर का और नीचे चाय की दुकान पर ट्रांसफर करवाने वालों की लाइन लगी हुई थी पैसा लेकर बैठे हुए थे


हमारे पास और भी कई प्रकरण ऐसे मौजूद हैं जिसमें शिकायतकर्ताओं के द्वारा शिकायत की गई है परंतु सब गोलमाल मंडी मुख्यालय में .
अब देखना यह है कि मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना कहते तो बहुत हैं कि हम भ्रष्टाचार को मिटाएंगे परंतु उनके पास में भी शिकायत पहुंचने के बाद अभी तक विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की .
₹2 लाख में बनने वाली डामर रोड जिसको 20 लख रुपए में बनाया गया इसका भी खुलासा हम जल्द करेंगे
सरकारी नौकरी में पदस्थ पत्नी और सरकारी नौकरी में पदस्थ पति और सरकारी खजाने से लोन लेने वाले का भी खुलासा हम जल्द करेंगे.
ब्लैकमेलर कहने वाले खुद ब्लैकमेलर हैं सरकार के खजाने में सेध लगाए हुए हैं
*यहां तो सब बिकता है खरीदने वाले की औकात होनी चाहिए*