RGPV हो या जाच….यहां तो सब बिकता है खरीदने वाले की बस कीमत होती है, सब बिकता है

नाम तो सुना होगा,नाम तो सुना होगा राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, आज कल राजधानी भोपाल में में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का नाम जोर क्या क्या रख दिया जोर से चल रहा है वह क्यों चल रहा है चलिए मैं आपको बताता हूं .

राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV)में जो घोटाले हुए हैं उसकी जांच एक जांच कमेटी कर रही ,हमारे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जांच कमेटी कुछ वर्षों का ही हिसाब किताब खंगाल रही है
अगर जांच कमेटी विगत 15 वर्षों के अभिलेखों की जांच करती है तो उसमें भी कई राज निकल के सामने आ सकते हैं
सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है की
पूर्व रजिस्ट्रार एस. एस.कुशवाह का 170 करोड़ के घोटाले का मामला अभी भी दबा हुआ है ऑडिटोरियम और कंप्यूटर सेंटर खरीदी और साइंस सेंटर का कोई मामला है जिसमें 170 करोड का घोटाला सामने आया था परंतु मामले को दबा दिया गया था

अगर जांच कमेटी चाहे तो पूर्व अभिलेख भी खगाल कर 170 करोड रुपए का घोटाला भी सामने ला सकती है
तो आप यह समझ ही सकते हैं किस प्रकार से पैसे की बर्बादी की जा रही है RGPV विश्वविद्यालय में.
अब सवाल यह उठता है की जांच कमेटी किन-किन बिंदुओं के ऊपर जांच कर रही है विगत 10 दिन पूर्ण हो गए हैं और अब जल्दी जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट शासन के समक्ष प्रस्तुत करेगी परंतु एक बड़ा सवाल यहां पर यह उठता है



कि क्यों नहीं ईओडब्ल्यू(EOW) और लोकायुक्त से इसकी जांच कराई गई .
आज दिनांक तक पेपर लीक मामले में एक छोटी सी FIR तो दर्ज नही करा पाया विश्वविद्यालय प्रशासन तो इतना बड़े मामले को लोकायुक्त या ईओडब्ल्यू से क्यों जांच नहीं कराई जा रही.
कहीं ना कहीं मामले को दबाने की कवायद की जा सकती है
अब देखना यह है की जांच कमेटी क्या जांच रिपोर्ट सबमिट करती है
और भी खुलासे जल्द करेंगे,
वह कौन है जो राष्ट्रपति के हाथों अपनी पीएचडी की उपाधि ली और सरकारी नौकरी भी करता रहा और पीएचडी की भी डिग्री ले ली है एक ही समय में मतलब एक ही समय में पीएचडी की डिग्री और सरकारी तनख्वाह भी यहां सब बिकता है
नोट- गुडलक मीडिया इन फोटो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है