दस्तक सह स्टॉप डायरिया अभियान में दी जा रहीं बाल्यकालीन स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं
दस्तक सह स्टॉप डायरिया अभियान में दी जा रहीं बाल्यकालीन स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं
भोपाल जिले में दस्तक सह स्टॉप डायरिया अभियान के तहत 5 वर्ष तक के बच्चों में प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों की समुदाय स्तर पर पहचान करके उपचार एवं प्रबंधन किया जा रहा है। अभियान 27 अगस्त तक चलेगा। अभियान में एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 5 साल तक के बच्चों के घरों में भेंट कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही है। बीमारियों के लक्षण दिखने पर शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में नि:शुल्क उपचार करवाया जा रहा है। दस्तक अभियान में सघन दस्त नियंत्रण कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण के दौरान जिंक और ओआरएस उपलब्ध करवाया जा रहा है। बच्चों में दस्त के प्रकरणों को कम करने एवं इसके प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओआरएस कॉर्नर की स्थापना की गई है, जिसमें परिजनों को ओआरएस का घोल बनाने की विधि एवं उसके सेवन के तरीके बताए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि अभियान के तहत भोपाल में लगभग तीन लाख बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं से लाभान्वित किया जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभियान में बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी हुई 12 प्रकार की विभिन्न सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। अभियान में बीमार नवजात बच्चों की पहचान, निमोनिया व गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान व रेफरल एवं प्रबंधन, 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में डिजिटल हिमोग्लोबीनोमीटर द्वारा एनीमिया की स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, दस्त रोग की पहचान एवं ओआरएस एवं जिंक के उपयोग के संबंध में जागरूकता, 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक का सेवन, जन्मजात विकृतियों एवं विकासात्मक देरी की पहचान,दृष्टि दोष एवं श्रवण बाधित बच्चों की पहचान एवं उपचार, शिशु एवं बाल्यकालीन आहार की समझाइश, एसएनसीयू एवं एनआरसी से डिस्चार्ज बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग एवं फॉलोअप, आंशिक रूप से टीकाकृत अथवा टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। सिकल सेल एनीमिया की पहचान कर उचित प्रबंधन भी किया जा रहा है।
