मध्य प्रदेश

भारतीय शिक्षण मंडल मध्‍यभारत प्रांत का दो दिवसीय प्रांतीय अभ्‍यास वर्ग आयोजित

ओरछा/भोपाल। हम ऐसे युग में हैं कि अपने ‘स्‍व’ को पहचानकर धीरे-धीरे समाज में सकारात्‍मक परिवर्तन कर अपने देश को आगे ले जा सकते हैं। इसके लिए आज मंथन करने की आवश्‍यकता है। शिक्षा और शास्‍त्र दोनों में समन्‍वय आवश्‍यक है। शिक्षा से ही विश्‍व की समस्‍याओं का समाधान होगा। यह बात राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के क्षेत्र कार्यकारिणी सदस्‍य श्री यशवंत इंदापुरकर ने कही। वे भारतीय शिक्षण मंडल मध्‍यभारत प्रांत के ओरछा में आयोजित दो दिवसीय प्रांतीय परिचय वर्ग के उद्घाटन सत्र में मुख्‍य वक्‍ता के रूप में संबोधित कर रहे थे।

सत्र में शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संयुक्‍त महामंत्री एवं वर्गाधिकारी श्री पंकज नाफड़े भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
अध्‍यक्षता कवि, साहित्‍यकार एवं उत्‍तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री श्री रवींद्र शुक्‍ल ने की। समाजसेवी श्री बाबूलाल जैन भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

श्री इंदापुरकर ने आगे कहा कि शिक्षा केवल सूचना नहीं बल्कि व्‍यक्ति निर्माण का माध्‍यम बनना चाहिए। भारतवर्ष पूरे विश्‍व में शिक्षा का केंद्र था। इतिहास में शिक्षा व्‍यवस्‍था को ही गंभीर चोट पहुंचाई गई है। उन्‍होंने कहा राष्‍ट्र, समाज के प्रति जागरूक बनाना ही शिक्षा है। अब भारत के ज्ञान को पुनर्स्‍थापित करने की आवश्‍यकता है तभी भारत विश्‍वगुरु बनकर मार्गदर्शन कर सकेगा।

कार्यक्रम की अध्‍यक्षता कर रहे श्री रवींद्र शुक्‍ल ने
कहा कि राष्‍ट्र को जगाने का दायित्‍व हमारे ऊपर है। शिक्षा व्‍यवस्‍था में विकृति आ जाने से देश को जिस दिशा में जाना चाहिए था वहां नहीं पहुंच पाया। विदेशियों ने अनुवाद और संकलन के नाम पर हमारे धर्मग्रंथों की गलत व्‍याख्‍याएं कराईं। उन्‍होंने कहा कि भारत के समाज का मेरुदंड आध्‍यात्मिक एवं सांस्‍कृति चेतना ही है। शिक्षक समाज का वह अवयव है जो अगर ठान लें तो समाज परिवर्तन हो सकता है।

प्रामाणिकता कार्यकर्ता की पहचान : पंकज नाफड़े

समापन सत्र के मुख्‍य वक्‍ता भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संयुक्‍त महामंत्री एवं इस वर्ग के वर्गाधिकारी श्री पंकज नाफड़े ने कहा कि शुद्ध सात्विक प्रेम ही संगठन के कार्य का आधार है।प्रामाणिकता ही किसी भी कार्यकर्ता की पहचान है। इसी को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ता की उपयोगिता को पहचानने की आवश्‍यकता है। कार्यकर्ता को शोधकर्ता एवं शोधकर्ता को कार्यकर्ता बनाना है। उन्‍होंने कहा कि शिक्षण मंडल हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। इसके लिए संगठनात्‍मक अनुशासन आवश्‍यक है। कार्यकर्ताओं को अतिविश्‍वासी नहीं आत्‍मविश्‍वासी होना चाहिए। कार्यकर्ताओं में प्रतिबद्धता का गुण विकसित होने चाहिए। रचनात्‍मकता, सृजनात्‍मकता एवं सकारात्‍मकता से समाज निर्माण किया जा सकता है। कार्यकर्ताओं में स्‍वअनुशासन, आत्‍म अनुशासन एवं राष्‍ट्र अनुशासन की आवश्‍यकता है। इसी से समाज और देश ठीक दिशा में आगे बढ़ेगा।

6 सत्रों में विभिन्‍न विषयों पर चला मंथन

भारतीय शिक्षण मंडल के इस दो दिवसीय परिचय वर्ग में 6 सत्र आयोजित हुए। प्रथम दिवस परिचय सत्र एवं दूसरे दिन उद्घाटन सत्र, बौद्धिक सत्र, संगठनात्‍मक सत्र, प्रस्‍तुति सत्र, चर्चा सत्र एवं समापन सत्र में विभिन्‍न विषयों पर मंथन किया गया। सत्र में रवि द्विवेदी ने पंच परिवर्तन पर चर्चा की। वर्ग संचालक डॉ शिव कुमार शर्मा, डॉ परिमला त्यागी, प्रीति देवासकर, शुभम् जैन, नवनीत पचौरी, पीयूष ताँबे की विशेष सहभागिता रही। वर्ग में
मध्‍यभारत प्रांत के प्रांतीय एवं जिलों के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Vijay Vishwakarma

Vijay Vishwakarma is a respected journalist based in Bhopal, who reports for Goodluck Media News. He is known for his exceptional reporting skills and extensive knowledge of the region. With a keen eye for detail and a passion for uncovering the truth, he has earned a reputation as a reliable and trustworthy source of news.

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