म.प्र.के अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता एवं मान्यता की जांच नये सिरे से करने के आदेश जारी,गुडलक मीडिया की खबरो का असर

म.प्र.के अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता एवं मान्यता की जांच नये सिरे से करने के आदेश जारी,गुडलक मीडिया की खबरो का असर
आरटीआई कार्यकर्ता को दस्तावेज देने से बचने के लिए सभी अशासकीय कालेजों की जांच के आदेश ,अखलेश कुमार शर्मा विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी उच्चशिक्षा म प्र के द्वारा दिया गया है
मध्य प्रदेश के अशासकीय कॉलेजों की संबद्धता एवं मान्यता की जांच नये सिरे से करने के आदेश जारी..
आरटीआई कार्यकर्ता बार-बार विश्वविद्यालयों से संबद्धता निरीक्षण समिति का प्रतिवेदन मांग रहे थे लेकिन प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश के बाद भी नही दिया जा रहा था।
इसी प्रकार उच्च शिक्षा संचालनालय सतपुड़ा भवन से भी मान्यता के दस्तावेज मांग गये थे लेकिन वहां से भी अशासकीय कॉलेजों को देखने वाले प्रभारी ओएसडी को बचाने के लिए दस्तावेज नहीं दे रही थे।
अंततः अधिकारियों को धीरे-धीरे बात संज्ञान में आ गई थी कि इसमें बड़े लेवल की अनियमितता है निरीक्षण समिति के सदस्यों द्वारा किया गया है। केवल मुरैना में ही झुंडपूरा नहीं यहां तो झुंड के झुंड अवैध रूप से महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं?
यह रहे वो RTI के पेपर जो विभाग से मांगे पर विभाग नहीं दे रहा है जब की 2023 से आज 2025 तक RTI से मिलने वाले कॉलेज की संबद्धता / मान्यता के पेपर नहीं दिए गए, उच्चशिक्षा सतपुड़ा भवन से ,बड़ा भारी भ्रस्टाचार है उच्चशिक्षा म प्र में ,जब तक दुधारू गाय उच्चशिक्षा में है छात्रों का भविष्य अंधकार में, जल्द भेज दो सतपुड़ा भवन से इटारसी नहीं
तो पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान —- को ले डूबेगा, वर्ष 2022-23 में सतपुड़ा भवन में पदस्थ ओएसडी जो कॉलेज की मान्यता देते थे के द्वारा अवैध रूप से अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं को अवैध सीट वृद्धि के नाम पर बिना निरीक्षण बिना एधर संरचना ग की सीट दो गुनी कर दी और इनको बचाने के लिए शासकीय महाविद्यालययो के MA/MSC/MCOM की सीट भी 20 से 50 कर दी गई जिससे PG की पढ़ाई एकदम ठप (शासकीय आशाकीय) इसकी भी जांच उच्च स्तरीय होना चाहिए.