मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में विश्वविद्यालय द्वारा की गई फैकल्टी भर्तियों को अवैध करार देते हुए उन्हें रद्द करने का आदेश दिया

मध्यप्रदेश की भोज मुक्त विश्वविद्यालय में फैकल्टी की भर्ती को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में विश्वविद्यालय द्वारा की गई फैकल्टी भर्तियों को अवैध करार देते हुए उन्हें रद्द करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पाया कि इन नियुक्तियों में नियमों और प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था, जिससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में दलील दी कि चयन प्रक्रिया में योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर कुछ विशेष लोगों को अनुचित तरीके से नियुक्त किया गया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए संपूर्ण प्रक्रिया की जांच करवाई और पाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूजीसी दिशा-निर्देशों और राज्य सरकार के नियमों का उल्लंघन किया है।
इस फैसले के बाद विश्वविद्यालय में नियुक्त किए गए फैकल्टी सदस्य अब अपनी नौकरी खो देंगे। साथ ही प्रशासन पर भी कार्यवाही की संभावना जताई जा रही है। यह मामला उच्च शिक्षण संस्थानों में पारदर्शिता और योग्यता आधारित चयन की जरूरत को फिर से रेखांकित करता है। कोर्ट के फैसले को शिक्षा क्षेत्र में एक अहम कदम माना जा रहा है।