
टैरिफ किंग डोनाल्ड ट्रंप का नया ऐलान: दवाओं पर भी लगेगा भारी शुल्क
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्हें अब ‘टैरिफ किंग’ की उपाधि दी जा रही है, ने एक और बड़ा निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि अमेरिका जल्द ही दवाओं के आयात पर भी भारी शुल्क लगाएगा। ट्रंप का कहना है कि इससे विदेशी दवा कंपनियों को मजबूरन अमेरिका में ही अपने यूनिट स्थापित करने होंगे।
ट्रंप ने यह बयान नेशनल रिपब्लिकन कांग्रेसनल कमेटी के एक कार्यक्रम में दिया। उन्होंने कहा कि यह फैसला अमेरिकी दवा उद्योग को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
चीन पर 104 फीसदी टैरिफ
ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल से दुनियाभर के 180 से अधिक देशों से आने वाले सामानों पर नई टैरिफ दरें लागू कर दी हैं। चीन को विशेष रूप से निशाना बनाते हुए अमेरिका ने उस पर 104% टैरिफ लगा दिया है, जो पहले के 54% टैरिफ से काफी अधिक है। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर 34% टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
मुद्रा हेरफेर का आरोप
ट्रंप ने चीन पर अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी मुद्रा में हेरफेर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “आपको उन्हें जवाब देना होगा। वे टैरिफ से बचने के लिए अपनी करेंसी में छेड़छाड़ कर रहे हैं।”
भारत और अन्य देशों पर भी असर
भारत जैसे देशों से अमेरिका में आने वाली सस्ती दवाएं इस निर्णय से महंगी हो जाएंगी, जिससे अमेरिकी जनता को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ सकता है। भारत से आयात होने वाले अन्य उत्पादों पर भी अमेरिका ने 26% टैरिफ लगा दिया है।
वैश्विक वार्ता की कोशिशें
ट्रंप प्रशासन के अनुसार, अमेरिका इस समय 70 से अधिक देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है। लक्ष्य है हर देश के साथ एक विशेष “कस्टम-मेड डील” करना।
कूटनीतिक संपर्क तेज
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू से व्यापार से जुड़े मसलों पर बातचीत की है।
ट्रंप का मानना है कि चीन को टैरिफ के जवाब में संवाद का रास्ता अपनाना चाहिए था, न कि प्रतिशोधात्मक शुल्क लगाना