मध्य प्रदेश

1 जुलाई से अनिवार्य होगी ई-अटेंडेंस, फिलहाल ट्रायल में ही शिक्षक परेशाननेटवर्क समस्या, मोबाइल गड़बड़ी और दबाव से शिक्षकों में बढ़ी नाराजगी


बुरहानपुर। प्रदेश में 1 जुलाई से शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य रूप से लागू की जा रही है। फिलहाल इसे ट्रायल के रूप में चलाया जा रहा है, लेकिन ट्रायल के इस चरण में ही शिक्षक वर्ग को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूरदराज़ के ग्रामीण इलाकों में कार्यरत शिक्षक नेटवर्क, बिजली और मोबाइल संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिससे समय पर उपस्थिति दर्ज करना मुश्किल हो रहा है। उपरोक्त जानकारी देते हुए कर्मचारी महासंघ उपाध्यक्ष ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने कहा कि ऑनलाइन अटेंडेंस वापस ली जाए संयुक्त मोर्चा गुजरात ठाकुर संजय सिंह गहलोत धर्मेंद्र चौक से डॉक्टर अशफाक खान अनिल बाविस्कर बृजेश राठौर अरविंद सिंह ठाकुर राजेश साल्वे राजेश पाटील कल्पना पवार प्रमिला सगरे ने कहा कि एवं अन्य

शिक्षकों ने बताया कि कई बार मोबाइल का हैंग हो जाना, ऐप का न चलना, नेटवर्क का न मिलना या बिजली न होने से फोन चार्ज न हो पाना जैसी समस्याएं सामने आती हैं। कुछ शिक्षकों का मोबाइल चोरी हो गया या पानी में खराब हो गया, कुछ की स्क्रीन टूट गई या मोबाइल गिरने से पूरी तरह काम करना बंद कर गया। ऐसे में उपस्थिति दर्ज करना असंभव हो जाता है।

फेस रीडिंग प्रणाली में भी खामियां सामने आई हैं। एक शिक्षक ने बताया कि बारिश में स्कूल जल्दी पहुंचने के चक्कर में गिर पड़े, जिससे चेहरे पर सूजन आ गई और फेस रीडिंग ने उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया। इसके चलते वे उपस्थित होकर भी अनुपस्थित माने गए।

शिक्षक संघों का कहना है कि ई-अटेंडेंस के नाम पर शिक्षकों पर अनावश्यक मानसिक दबाव डाला जा रहा है। सरकार यदि डिजिटल हाजिरी चाहती है, तो उसे पहले आवश्यक संसाधन और तकनीकी सहयोग देना चाहिए। शिक्षकों से स्मार्टफोन, डाटा पैक, रिपेयरिंग आदि का पूरा खर्च खुद उठवाया जा रहा है, जो अनुचित है।

शिक्षकों का कहना है कि वर्तमान में जो ट्रायल चल रहा है, वह ही असफल हो रहा है। यदि 1 जुलाई से इसे पूर्ण रूप से लागू किया गया, तो यह और अधिक भ्रम और परेशानी पैदा करेगा। शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि इस व्यवस्था को पुनर्विचार के लिए रोका जाए या वैकल्पिक समाधान दिया जाए, ताकि वास्तविक उपस्थिति प्रभावित न हो और शिक्षकों को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित न किया जाए।

Vijay Vishwakarma

Vijay Vishwakarma is a respected journalist based in Bhopal, who reports for Goodluck Media News. He is known for his exceptional reporting skills and extensive knowledge of the region. With a keen eye for detail and a passion for uncovering the truth, he has earned a reputation as a reliable and trustworthy source of news.

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