मध्य प्रदेश

बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय पुस्तकालय अभिविन्यास कार्यक्रम का शुभारंभ माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हुआ

बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल में केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय “पुस्तकालय अभिविन्यास कार्यक्रम” का भव्य शुभारंभ आज माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों को केंद्रीय पुस्तकालय में उपलब्ध संसाधन, ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेर की उपयोगीता और INFLIBNET केंद्र द्वारा निर्मित ऑनलाइन सुविधाओ संबन्धित जानकारी, आवश्यक तकनीकी कौशल और शिक्षा एवं शोध कार्य हेतु इसका उपयोग प्रभावी होगा।

उपरोक्त 3 दिवसीय पुस्तकालय अभिविन्यास कार्यक्रम मे पुस्तकालय का परिचय एवं उपयोगिता की पहुच विश्वविद्यालयीन छात्र, शोध-छात्रो तक कार्यक्रम के माध्यम से करने हेतु एवं पुस्तकालय मे आधुनिकता क्रियानवन हेतु विश्वविद्यालय के मा. कुलगुरु, प्रो. सुरेश कुमार जैन निरंतर ध्यान रखे हुये थे एवं मार्गदर्शन कर रहे थे। उनके मार्गदर्शन, सहयोग, संसाधनों की उपलब्धता और लाइब्रेरी में निरंतर नवाचार के प्रति प्रेरणा के कारण पुस्तकालय का संचालन प्रभावी रूप से होने लगा है।”

कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण के साथ हुई, जिसमें डॉ. अनीता तिलवारी, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने सभी मंचासीन अतिथियों और उपस्थितजन को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय पुस्तकालय की शैक्षणिक भूमिका पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय किसी भी विश्वविद्यालय की ‘शैक्षणिक आत्मा’ होता है, जहाँ से ज्ञान की ऊर्जा पूरे परिसर में प्रवाहित होती है। ऐसे अभिविन्यास कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र न केवल पुस्तकालय से परिचित होते हैं, बल्कि शोध एवं अध्ययन की गंभीरता को भी आत्मसात करते हैं।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. आई. के. मंसूरी, कुलसचिव, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल ने की।

विशिष्ट अतिथियों में प्रो. ताहिरा अब्बास अध्यक्ष, फ़ारसी एवं अरबी विभाग; प्रो. विवेक शर्मा, निदेशक, सीआरआईएम (CRIM); प्रो. नीरज गौड़, निदेशक, बीयूआईटी; डॉ. किशोर शेंडे, पुस्तकालय प्रभारी; और डॉ. अनीता तिलवारी, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग मंचासीन रहे।

अपने वक्तव्यों में सभी अतिथियों ने पुस्तकालय की परिभाषा, उसकी महत्ता और विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विकास में उसकी भूमिका पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।

डॉ. आई. के. मंसूरी ने कहा कि “पुस्तकालय केवल पुस्तकों का भंडार नहीं, बल्कि यह विश्वविद्यालय की बौद्धिक संपदा का भव्य केंद्र है। यह छात्रों के लिए नई सोच, अनुसंधान और नवाचार का मार्ग प्रशस्त करता है।” उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे पुस्तकालय की डिजिटल सुविधाओं का भरपूर उपयोग करें।

प्रो. विवेक शर्मा ने पुस्तकालय को “ज्ञान का ट्रांसफॉर्मेशन सेंटर” बताया और कहा कि “डिजिटल युग में भी पुस्तकालय की उपयोगिता कम नहीं हुई है, बल्कि इसकी पहुँच और प्रभाव बढ़ा है।”

प्रो. नीरज गौड़ ने तकनीकी दृष्टिकोण से पुस्तकालय की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि “स्टार्टअप्स, प्रोजेक्ट्स और शोध की नींव अच्छी लाइब्रेरी एक्सेस से ही रखी जाती है।”

डॉ. किशोर शेंडे ने पुस्तकालय की ई-सुविधाये, ई-ग्रंथालय एवं INFLIBNET की सुविधाओ का विस्तृत परिचय देते हुए बताया कि इस सुविधाओ के माध्यम से विद्यार्थि और शोधार्थि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार रहेंगे । उन्होने INFLIBNET केंद्र की शोधगंगा, शोधगंगोत्री, शोधसिंधु (ONOS) सुविधाए अद्यतन कर नयी सुविधाए विश्वविद्यालय मे क्रियान्वित की गयी है, जैसे VIDWAN एवं IRINS (https://bubhopal.irins.org), शोधचक्र. अन्य सुविधा, ILMS एवं INFED भी शुरू की जाएंगी।

कार्यक्रम में प्रो. साधना धनोरिया, प्रो. विनीशा सिंह, प्रो. कुमरेश कश्यप, प्रो. रुचि घोष, प्रो. साधना सिंह एवं प्रो. शशांक ठाकुर, की गरिमामयी उपस्थिति भी रही,

डॉ. प्रीतीबाला सोलंकी, डॉ. किरण त्रिपाठी, डॉ. मार्जिया आरिफ, डॉ. रथ, श्रीमती जयती शाह, ने पुस्तकालय की नियमावली, सदस्यता एवं ई-ग्रंथालय में पंजीयन हेतु जानकारी प्रदान की। अगले 2 दिन मे पुस्तकालय मे उपलब्ध संसाधन, ई-ग्रंथालय उपयोगिता और INFLIBNET सुविधाओ से विभागवार छात्रों को अवगत कराया जाएगा। श्रीमती मनीषा परसई, एवं केशर परमार, संतोष ने छात्र, शोधार्थी का ई-ग्रंथालय हेतु पंजीयन किया, कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रीति उपाध्याय द्वारा किया गया, और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनीता सिंह ने प्रस्तुत किया ।

Vijay Vishwakarma

Vijay Vishwakarma is a respected journalist based in Bhopal, who reports for Goodluck Media News. He is known for his exceptional reporting skills and extensive knowledge of the region. With a keen eye for detail and a passion for uncovering the truth, he has earned a reputation as a reliable and trustworthy source of news.

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