मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कृषि उपज मंडी समिति, जबलपुर एवं अन्य मंडियों में करोड़ों रुपये की वित्तीय,अनियमितताओं के मामले मेलोकायुक्त को जांच के निर्देश दिए

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने करोड़ों की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में लोकायुक्त को जांच के निर्देश दिए वही हम आप को बतादे की जबलपुर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कृषि उपज मंडी समिति, जबलपुर एवं अन्य मंडियों में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में दायर जनहित याचिका (W.P. No. 3935/2025) पर सुनवाई करते हुए इसे लोकायुक्त के समक्ष भेजने का आदेश दिया है।


याचिकाकर्ता मुकेश कुमार राय एवं प्रकाश सितपाल ने आरोप लगाया था कि मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का गबन किया गया। याचिका में बताया गया कि उप निदेशक (कृषि विपणन बोर्ड), जबलपुर, आनंद मोहन शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
हाईकोर्ट का फैसला–
मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार काइट एवं न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने लोकायुक्त को निर्देश दिया कि याचिका को जांच के रूप में स्वीकार किया जाए और छह माह के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
आरोपों का विवरण–
₹1.94 करोड़ का गबन: किसानों के लिए आवंटित समूह प्रतिभूति निधि से धनराशि निकालकर व्यक्तिगत लाभ के लिए खर्च करने का आरोप।
₹42 लाख का फर्जी खर्च: फर्नीचर, एलईडी, कूलर, प्यूरीफायर आदि की फर्जी खरीद दिखाकर धनराशि गबन की गई।
अधिकारियों की संलिप्तता: याचिकाकर्ताओं के अनुसार, कृषि विपणन बोर्ड के कई उच्च अधिकारी इस घोटाले में शामिल हैं, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं की।
याचिकाकर्ताओं की मांग
याचिका में यह मांग की गई थी कि अनियमितताओं की जांच कर दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता लोकायुक्त की जांच से असंतुष्ट रहते हैं, तो वे आगे किसी भी उपयुक्त न्यायिक मंच पर अपील कर सकते हैं।
अब इस मामले में लोकायुक्त की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।