मध्य प्रदेश

उदय सुरंगे, मोहन सरकार पर भी भारी, 20 से 25 साल से  एक ही जगह पदस्थ, यह RGPV के अधिकारी

RGPV  मैं हुए घोटाले को लेकर विश्वविद्यालय अभी भी संज्ञान नहीं ले रहा है  जब से विश्वविद्यालय बना है तब से अगर जांच की जाए तो 1500 करोड रुपए का घोटाला सामने आ सकता है अगर सही से जांच हो तो परंतु सिर्फ 5 साल का ही  डाटा खगाल जा रहा है एक बड़ा सवाल उठता है पूर्व में भी बड़े घोटाले हुए हैं वही हम आपको बता दें कि,

तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग द्वारा 03.10.2022 को प्रदेश की तकनीकी संस्थायों के प्रचार्यों, विभागाध्यक्षो, व्याख्यातायों के स्थानांतरण किये थे!


परन्तु RGPV के अधिकारीयों ने तत्कालीन सरकार को ठेंगा दिखाते हुए आदेश को कचरे की टोकरी मेँ डाल दिया और अपने प्रशासनिक पदों पर जमे रहें व RGPV की सुविधायों का लाभ प्राप्त करते रहें!


स्थानांतरण के उक्त आदेश के तहत संवंधित शिक्षकों को कार्यमुक्त करने व स्थानंत्रित संस्था मेँ कार्यभार ग्रहण सुनिश्चित करने हेतु आयुक्त तकनीकी शिक्षा द्वारा 10.10.2022 को एक पत्र भी जारी किया गया परन्तु रागप्रोवि द्वारा इस पत्र पर कोई कारवाही नहीं की क्योंकि आयुक्त द्वारा वि वि को पृष्ठाकित नहीं किया गया
और अधिकारी अपने पदों पर जमे रहें.


शासन ने आदेश के पालन का दवाब बनाया तो रागप्रोवि प्रशासन द्वारा जिन अधिकारियो की सेटिंग कुलपति, कुलसचिव से सेटिंग नहीं हो सकी उनका स्थानांतरण 07.11.2022 को कर दिया गया!

परंतु उदय सुरंगे को आज भी आरजीपीवी में ही रखा गया है

तकनीकी शिक्षा मंत्रालय में भी काफी वर्षों से कुछ अधिकारी एक ही जगह पर दस्ते हैं चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए

परन्तु तत्कालीन कुलपति और कुलसाचिव के चहिते एक अधिकारी हैं उदय कुमार सुरंगे जो सचिव रागप्रोवि पत्रोपाधि मेँ उपसचिव, के पद पर आसीन हैं

उनको विवि प्रशासन ने उनका स्थानांतरण नहीं किया जबकि यह अधिकारी 22-25 वर्षो से पूर्व तकनीकी शिक्षा मंडल के समय से पदस्थ हैं इन पर हर कुलपति व कुलसचिव की कृपा बनी रहती हैं


इनके पास प्रदेश की सभी शासकीय और निजी फार्मेसी संस्थायों का गोपनीय व परीक्षा का कार्य करते हैं

( आप समझ रहे हैं ना गोपनीय कार्य किसे कहा जाता है)


जिस अधिकारी को निजी संस्थायों का साथ और कुलपति, कुलसचिव का हाथ हो उसका कोई भी सरकार क्या कर सकती हैं
चाहें शिवराज सरकार हो या मोहन सरकार,
यहां बात चरितार्थ होती हैं

की सबका साथ सबका विकास…..

अब देखना है कि वर्तमान रजिस्टर मोहन सेन कब इन पर कृपा दृष्टि जमाते हैं

नियम अनुसार एक व्यक्ति को एक ही जगह 3 साल कार्यरत रखा जाता है उसके बाद उसे वहां से हटा दिया जाता है परंतु 20 से 25 साल बड़ा दुर्भाग्य है 

यहां तो सब कुछ बिकता है खरीदने वाले की बस औकात होनी चाहिए

आरजीपीवी के रजिस्ट्रॉर मोहन सेन कब कार्रवाई करेंगे

Note- अगली न्यूज़ में हम आपको बताएंगे कि विश्वविद्यालय में किस प्रकार से प्रतिनियुक्ति पर आए. और यहीं जमे रह गए न्यायालय के द्वारा भी संज्ञान लेने के बाद भी नहीं हटाए जा रहे न्यायालय के  आदेश को अधिकारी और कर्मचारियों  की मिली भगत  से दबा दिया जाता है जल्द खुलासा करेंगे , कैसे न्यायालय के आदेश का पालन नहीं कर रहे

Vijay Vishwakarma

Vijay Vishwakarma is a respected journalist based in Bhopal, who reports for Goodluck Media News. He is known for his exceptional reporting skills and extensive knowledge of the region. With a keen eye for detail and a passion for uncovering the truth, he has earned a reputation as a reliable and trustworthy source of news.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button